
दिनेश तिवाड़ी
दौसा. मिनी पुष्कर कहे जाने वाले शहर के प्रसिद्ध गेटोलाव सरोवर में एक माह पूर्व एक दाना या आटे की एक गोली डालते ही हजारों मछलियां मुंह खोलकर खाने को दौड़ती थी। अब आधे घंटे तक दाना डालने पर भी एक भी मछली दाने को खाने को नहीं आती है। बांध से एकाएक मछलियों के गायब होने से लोगों में चर्चा बनी हुई है कि आखिर सरोवर में पानी होने के बावजूद मछलियों को आसमान निगल गया या धरती!
लोगों का कहना है कि बांध में से मछलियां रातों-रात चोरी हो गई। बांध पर रहने वाले नगर परिषद पार्क के गार्ड मूलचंद का कहना है कि कई बार रात को लोगों को मछली पकड़ते हुए रोका भी है, लेकिन यहां पुलिस की रात्रि गश्त अथवा रात्रि चौकीदार नहीं होने से कोई रात के समय मछलियां उठाकर ले गया।
कई स्थानों से आते थे लोग
मछलियां देखने व पुण्यार्जन के लिए दाना डालने दौसा सहित नईनाथ, बांसखोह, बस्सी, जटवाड़ा, सिकराय, महुवा, लवाण, सहित कई अन्य जगहों से लोग परिवार सहित आया करते थे, लेकिन अब आटा डालने वाले भी बांध में मछलियों को देखकर निराश होकर लौट जाते हैं।
दो करोड़ किए खर्च
दौसा विधायक शंकरलाल शर्मा की पहल पर गेटोलाव बांध पर विकास के लिए 2 करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई। इससे बांध में पानी आने पर मछलियां तैरने लगी व बांध पर लोगों की आवाजाही बढ़ गई। शहरवासी परिवार सहित सुबह-शाम मछलियों को आटा डालने जाने लग गए। बांध में पानी कम होने लगा तो लोगों ने अपने स्तर पर टैंकर डलवाना भी शुरू कर दिया था, लेकिन बांध से मछलियां चोरी होने से अब लोग निराश हैं।
प्रशासन भी अनजान
गेटोलाव बांध से मछलियों के अचानक गायब होने को लेकर प्रशासन भी अनजान है। इस बारे में उपखंड अधिकारी संतोष गोयल व नगर परिषद आयुक्त दिलीप शर्मा से दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने भी इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है।
मत्स्य विभाग के अधीन नहीं
मत्स्य विभाग के अधिकारी मदन मोहन ने बताया कि गेटोलाव बांध धार्मिक स्थल है। वहां की मछलियां मत्स्य विभाग के अधीनस्थ नहीं है। मछलियों की देखरेख मंदिर ट्रस्ट की ओर से की जाती है।
चोरों ने उठाया अंधेरे का फायदा
बंाध पर दुकान करने वाले विश्राम ने बताया कि रात को गश्त नहीं होने की वजह से मछलियों को बेचने वाले ट्रॉली भरकर ले गए। कई बार दिन में हमने मछली पकडऩे वालों को भगा दिया, लेकिन चोर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर ले गए।
कृष्णा शर्मा का कहना है कि पहले जब बांध में दाना डालते थे तो एक दाने पर सैकड़ों मछलियां खाने को दौड़ती थी, लेकिन अब आधा घंटे तक दाना डालने पर एक भी मछली नजर नहीं आती। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बांध में करीब दो ट्रक मछलियां थी। बांध में पर्याप्त पानी होने के बाद भी मछलियों का अचानक गायब होना गंभीर मामला है। उनका मानना है कि मछिलयो को रात को किसी वाहन में भरकर ले जाया गया है।
शहरवासी ओमप्रकाश ने बताया कि वह हर शनिवार को बांध में मछलियों को आटा डालने जाता है, लेकिन इस बार बांध में मछलियां गायब देखकर निराश लौटना पड़ा।
गार्ड मूलचंद ने बताया कि उसकी ड्यूटी शाम पांच बजे तक रहती है। रात्रि को गश्त नहीं होने से लोग अंधेरे का फायदा उठाकर मछलियां पकड़कर ले गए। इस बारे में शिकायत करने पर पुलिस ने कुछ दिनों गश्त भी की, लेकिन करीब एक माह से गश्त वापस बंद होने से सारी मछलियां चोरी हो गई।
Published on:
15 Oct 2017 07:56 am
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