श्रमिकों ने बताया कि पंचायत समिति की उदासीनता के चलते दुबल्या, बूटोली और गिरधपुरा में मनरेगा काम के लिए फार्म भरने के बाद भी काम नहीं मिल रहा है। इससे जीवन यापन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
श्रमिकों ने बताया कि मनरेगा काम नहीं चलने से दीपावली भी सूखी रही। काम नही मिलने से श्रमिक बेरोजगार होकर बैठे हंै। पहले तो खेती करके काम चला लेते थे, लेकिन अब कुओं में पानी पाताल में चला जाने से खेती करना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे महंगाई के दौर में जीवन जीना बड़ा मुश्किल हो रहा है। ग्राम पंचायत में सरपंच के पास कई बार मनरेगा काम के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दिए, लेकिन काम आज तक नहीं चला। कई बार जनप्रतिनिधियों सहित पंचायत समिति व जिला कलक्टर के पास भी मनरेगा काम के लिए मांग की, लेकिन काम की स्वीकृति नहीं मिली।गांवों मं सर्दी के दिनों में भी लोगों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है।
हैंडपम्प सभी नकारा हो गए हैं। सरपंच विजयकुमार बैरवा ने बताया कि छोटी तलाई, आदर्श तालाब व बूटोली में श्मशान खुदाई के लिए पंचायत समिति में मनरेगा काम स्वीकृत करवाने के लिए कहा था, लेकिन काम स्वीकृत नहीं हुआ है।