
मासूम को संभालते परिजन। फोटो- पत्रिका
मेहंदीपुर बालाजी। क्षेत्र के डेण्डान गांव में रविवार को जंगल में बकरी खोजने गए बालक के अचानक लापता होने से हड़कंप मच गया। लेपर्ड के शिकार की आशंका के चलते परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सूचना पर वन विभाग और बालाजी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पहाड़ी वन क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया। ग्रामीणों की मदद से करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लापता बालक झाड़ियों के पास अचेत अवस्था में सकुशल मिल गया।
बालक दिलकुश प्रजापत के मिलने पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली। वहीं परिजनों और ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। दरअसल कुछ घंटे पहले उसी क्षेत्र में लेपर्ड के बकरी का शिकार किए जाने की सूचना मिली थी, जिससे लोगों को आशंका थी कि बालक भी उसका शिकार हो गया होगा।
रविवार सुबह दिलकुश और उसकी बहन पहाड़ी पर बकरी खोजने गए थे। झाड़ियों के बीच बकरी का कंकाल मिलने के बाद जैसे ही वे पास पहुंचे, दिलकुश अचानक लापता हो गया और वापस नहीं लौटा। बहन ने परिजनों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर उसकी तलाश में जुट गए।
सूचना मिलने पर बालाजी थाना पुलिस और वन विभाग की टीम, महेंद्र बैरवा के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। ड्यूटी अधिकारी धर्म सिंह ने बताया कि अचेत अवस्था में मिले बालक को राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया। पूछताछ में दिलकुश ने बताया कि बकरी खोजने के दौरान उसे लेपर्ड दिखाई दिया था। डर के कारण वह झाड़ियों में छिप गया और घबराहट में बाहर नहीं निकल पाया, जिससे वह बेसुध हो गया।
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बालक के सुरक्षित मिलने की सूचना पर सिकराय विधायक विक्रम बंशीवाल डेण्डान गांव पहुंचे। उन्होंने परिजनों से घटनाक्रम की जानकारी ली और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
Updated on:
14 Dec 2025 07:25 pm
Published on:
14 Dec 2025 07:20 pm
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