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रुड़की में भाजपा पार्षद की गिरफ्तारी, फर्जी दस्तावेजों से जमीन हड़पने का आरोप

हरिद्वार जिले के रुड़की में देहरादून से स्पेशल टास्क फोर्स ने भाजपा पार्षद को गिरफ्तार कर लिया। भाजपा पार्षद पर एक विधवा की जमीन हड़पने का आरोप है।

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हरिद्वार जिले के रुड़की में देहरादून से आई एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने भाजपा पार्षद मनीष उर्फ बॉलर को गिरफ्तार किया है। उन पर कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि के साथ मिलकर एक महिला और उसके परिवार को धमकाकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन बेचने की साजिश रचने का आरोप है। जांच में अन्य जमीनों के फर्जी कागजात बनाकर बेचने की पुष्टि भी हुई है। इस मामले में गंगनहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है, और एसटीएफ पार्षद को देहरादून ले गई है। मामले के तूल पकड़ने पर भाजपा ने मनीष को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

27 अगस्त, 2025 को देर शाम एसटीएफ की टीम रुड़की पहुंची और पार्षद मनीष को हिरासत में लेकर पूछताछ की। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही वाल्मीकि समाज के लोग गंगनहर कोतवाली के बाहर जमा हो गए और देर रात तक हंगामा करते रहे। पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा। एसटीएफ निरीक्षक नंद किशोर भट्ट ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि मनीष और उनके सहयोगी प्रवीण वाल्मीकि, राजकुमार, और अंकित पर संगठित अपराधी गिरोह चलाने का आरोप है। ये लोग प्रवीण के नाम का डर दिखाकर लोगों की जमीनें हड़पते थे।

मामले का केंद्र रेखा, पत्नी स्वर्गीय श्याम बिहारी, निवासी सुनहरा गांव, हैं। उनके पति की 2014 में मृत्यु हो गई थी, और उनकी काफी संपत्ति सुनहरा में है। आरोप है कि मनीष और उनके साथियों ने रेखा पर जमीन अपने नाम करने का दबाव बनाया और विरोध करने पर उनके देवर कृष्ण गोपाल की 2018 में प्रवीण वाल्मीकि के शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। 2019 में रेखा के भाई सुभाष पर भी जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वह बच गए। इसके बाद रेखा से पांच लाख रुपये की उगाही और जान से मारने की धमकियां दी गईं। डर के कारण रेखा ने अपना घर छोड़ दिया और अज्ञात स्थान पर चली गईं।

इसी का फायदा उठाकर मनीष और प्रवीण ने रेखा की जमीन फर्जी तरीके से बेचने की योजना बनाई। उन्होंने एक महिला को रेखा के रूप में पेश कर फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई, जिसे पंकज अष्टवाल के नाम किया गया। इस पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए दो प्लॉट बेचे गए। गुरमीत कौर और नजमा ने 80 लाख रुपये में जमीन खरीदने का सौदा किया, जिसमें 12 लाख नकद दिए गए, लेकिन ठगी का पता चलने पर उन्होंने चेक रोक दिए। एक अन्य मामले में 58 लाख रुपये में एक प्लॉट इश्तियाक और गुलफाम को बेचा गया। जांच में मनीष का मोबाइल नंबर फर्जी दस्तावेजों से जुड़ा पाया गया।

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि पिछले कुछ महीनों से रेखा और उनके बच्चों को लगातार धमकियां दी जा रही थीं। मनीष, प्रवीण, और उनके सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और भारतीय न्याय संहिता की धारा 111, 351, 352 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। भाजपा ने मनीष को पार्टी से निष्कासित कर दिया। रुड़की नगर निगम के वार्ड 38 से पार्षद रहे मनीष के समर्थन में वाल्मीकि समाज ने कोतवाली और नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जिससे सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत किया। अब समाज के लोग एसपी देहात से मिलने की योजना बना रहे हैं।