
स्वामी आनंद स्वरूप (Photo Source : IANS File)
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद एमआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार के कदम पर सवाल उठाए हैं। जिसको लेकर शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष और काली सेना के संस्थापक स्वामी आनंद स्वरूप ने ओवैसी पर निशाना साधा है।
स्वामी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि ओवैसी मुसलमानों के नेता हैं, वह मुसलमानों के लिए उठते हैं, बैठते हैं, सोते हैं, जागते हैं। जिस प्रकार से जमीयत उलेमा हिंद ने इस केस में वाह वाही लूटने का प्रयास किया है और न्यायपालिका का मजाक बनाया है, वो गलत है। यदि भारत सरकार या महाराष्ट्र सरकार बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ नहीं जाती तो काली सेना इस लड़ाई को आगे बढ़ाती। भारतीय मुसलमान स्वभाव से मूलतः हिंदू है, उन्हें अपने मूल धर्म में लौट जाना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता। जिसको अभी हाई कोर्ट ने बरी किया है अगर हम उसके खिलाफ अपील नहीं करेंगे तो न्याय के ऊपर प्रश्न खड़ा होगा। एकता का ठेका केवल हिंदू धर्म के लोगों ने नहीं लिया हुआ है। जब आप फंसते हैं तब आप एकता खोजने लगते हैं। यह दोहरा चरित्र ओवैसी जैसे लोगों का है।
उन्होंने आगे कहा कि बयान तो हमेशा से उनके लोग दे रहे हैं। वह लोग हमेशा काफिरों के कत्ल की बात करते हैं, काफिरों को नीचा दिखाते हैं, त्योहारों पर नहीं जाने की बात करते हैं। हिंदू जाकर टोपी पहन कर ईद मना लेता है। लेकिन, किसी मुसलमान को आपने होली और दीवाली मनाते नहीं देखा होगा, दशहरा मनाते नहीं देखा होगा। कांवड़ यात्रा में साजिशों को रचने में इस्लाम के मानने वाले हीं शामिल हैं। ऐसे में एकता की बात बेईमानी है, भारत का मुसलमान प्राकृतिक रूप से हिंदू है, उसको अपने मूल धर्म में लौटना चाहिए। जब मूल धर्म में लौटेंगे तो अपने आप शांति इस देश में कायम हो जाएगी।
Published on:
25 Jul 2025 07:50 am
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