31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चमोली में सुरंग में टकराई दो लोको ट्रेनें, 60 घायल, अधिकतर मजदूर बिहार-ओडिशा के

चमोली जिला के पीपलकोटी में स्थित THDC जल विद्युत परियोजना की सुरंग में बड़ा हादसा हो गया। सुरंग के अंदर दो लोको ट्रालियां आपस में टकरा गईं। इस हादसे में करीब 60 मजदूर घायल हो गए हैं, जिनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

less than 1 minute read
Google source verification
Uttarakhand Trains Collide,trains collide,Uttarakhand Train accident,Vishnugad-Pipalkoti Hydro Electric Project tunnel trains accident, लोको पायलट ट्रेन, उत्तराखंड, चमोली, चमोली में क्या हुआ, चमोली हादसा क्या है

"पीपलकोटी में स्थित THDC जल विद्युत परियोजना की सुरंग में मंगलवार रात 9:30 बजे शिफ्ट बदलने के दौरान सुरंग में चल रही दो लोको ट्रेनें आपस में टकरा गईं। बताया गया कि हादसे के समय ट्राली में लगभग 110 इंजीनियर, कर्मचारी और मजदूर सवार थे। सभी लोग अपनी शिफ्ट पूरी कर बाहर लौट रहे थे। इसी दौरान सुरंग के भीतर एक ट्राली का ब्रेक फेल हो गया और वह सामने चल रही दूसरी ट्राली से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों ट्रालियां पलट गईं।

घटना के बाद सुरंग में अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों ने राहत कार्य शुरू किया और घायलों को किसी तरह बाहर निकाला। घायलों में से 42 लोगों को जिला अस्पताल गोपेश्वर और 17 को विवेकानंद अस्पताल पीपलकोटी में भर्ती कराया गया है। बाकी घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।

अधिकतर मजदूरबिहार-ओडिशा के

हादसे में घायल हुए अधिकतर मजदूर बिहार, ओडिशा और झारखंड के रहने वाले हैं। जिला प्रशासन और परियोजना प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचीं और हालात को संभाला।

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी सौरभ कुमार ने बताया कि हादसा शिफ्ट बदलने के समय हुआ। गंभीर रूप से घायल लोगों के हाथ और पैर में फ्रैक्चर आया है। प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

क्या है विष्णुगाड़‑पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह जल विद्युत परियोजना अलकनंदा नदी पर बनाई जा रही है। 2013-2014 में निर्माण शुरू हुआ था। परियोजना की कुल क्षमता 444 मेगावाट है और इसका वार्षिक उत्पादन लगभग 1657 मिलियन यूनिट होगा। इसमें 65 मीटर ऊंचा डायवर्जन बांध, टनल और पाइपलाइन सिस्टम शामिल हैं। 13% बिजली उत्तराखंड को निशुल्क दी जाएगी और 1% स्थानीय विकास में उपयोग होगा।