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सरकार का बड़ा आदेश : सभी कार्मिक 15 दिसंबर तक दें पूरे परिवार की संपत्ति का ब्योरा, कई होंगे बेनकाब

Attack On Corruption: सरकार ने आदेश जारी कर 15 दिसंबर तक सभी सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों और परिवारों की चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। चेताया गया है कि किसी भी कार्मिक ने संपत्ति का ब्योरा छिपाया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस कड़े फरमान से हड़कंप मचा हुआ है। इससे कई भ्रष्ट कर्मचारियों और अफसरों की काली कमाई का खुलासा होने की भी संभावना जताई जा रही है।

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In Uttarakhand, government employees and officials will have to submit details of their and their family's assets by December 15

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Attack On Corruption:भ्रष्ट अफसर और कर्मचारियों पर सरकार का बड़ा शिकंजा कसने जा रहा है। उत्तराखंड के सभी अधिकार- कर्मचारियों को अपने और पूरे परिवार की सभी चल व अचल संपत्ति का ब्योरा देना पड़ेगा। 15 दिसंबर तक सभी विभागाध्यक्षों, सचिवों को अपने अधीन अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराना होगा। कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने गुरुवार शाम इसके आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया हुआ है। सचिव बगौली के अनुसार नियुक्ति के समय की और मौजूदा संपत्ति का ब्योरा देना होगा। कार्मिकों को नियमित रूप से पांच साल के भीतर संपत्ति में हुई बढ़ोत्तरी की भी जानकारी देनी होगी। साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी संपत्ति के साथ ही पति, पत्नी, आश्रित मां, पिता, बेटा, बेटी या अन्य आश्रित रिश्तेदारों की संपत्ति का ब्योरा भी देना पड़ेगा। सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों और सचिवों को हर हाल में तय समय के भीतर ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि संपत्ति का ब्योरा देने के बाद कई कर्मचारियों और अफसरों पर बड़ी नकेल कस सकती है।

परिजनों का फल-फूल रहा कारोबार

उत्तराखंड मेंकर्मचारी आचरण नियमावली में कार्मिकों के लिए संपत्तियों का ब्योरा देने का प्रावधान है। बावजूद इसके अधिकारी और कर्मचारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं। शिकायतें आ रहीं थी कि अफसर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने परिजनों के कारोबार को बढ़ा रहे हैं। उन्हें अपने ही विभागों में ठेके दिलवा रहे थे। पेयजल विभाग, ऊर्जा विभाग, पेयजल, लोनिवि, सिंचाई समेत अन्य विभागों में इस तरह की शिकायतें बढ़ रही थी। अन्य विभागों में भी इस प्रकार की तमाम शिकायतें आई हैं।

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हाईकोर्ट ने दिए हैं आदेश

आय से अधिक संपत्ति के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल हुई हैं। याचिकाएं अनिल चंद्र बलूनी, जाहिद अली ने दायर की हैं। अखिलेश बहुगुणा और सुजीत कुमार विकास ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि नियमों के तहत परिवार की परिभाषा और संपत्ति की जानकारी छिपाने पर अब सख्ती से जवाबदेही तय की जाएगी। हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण नियमावली का हवाला देते हुए कहा है कि परिवार के सदस्य में पत्नी, पुत्र, सौतेला पुत्र, अविवाहित पुत्री, सौतेली अविवाहित पुत्री, आश्रित पति/पत्नी और रक्त या विवाह संबंध से आश्रित अन्य सदस्य शामिल हैं। कोर्ट के आदेश के बाद से शासन स्तर पर ये कार्यवाही शुरू हुई है।