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सरकारी स्कूलों में अब अतिथि शिक्षक नहीं ले सकेंगे मनमर्जी से छुट्टी, छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई तो जाएगी नौकरी

अब अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में मनमर्जी से छुट्टियां नहीं ले सकेंगे। निदेशालय ने महीने में सिर्फ एक अवकाश तय किया है। अनुपस्थिति पर तैनाती रद्द मानी जाएगी।

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो सोर्स- AI इमेज)

सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक अब बिना कारण लगातार छुट्टियां नहीं ले पाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अतिथि शिक्षकों को महीने में केवल एक दिन का ही अवकाश अनुमन्य होगा। यदि कोई अतिथि शिक्षक लगातार अनुपस्थित रहता है, तो प्रभावित अतिथि शिक्षक को तैनाती देने के आदेश दिए गए हैं।

4500 से अधिक अतिथि शिक्षक तैनात

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में 4500 से अधिक अतिथि शिक्षक तैनात हैं। शिक्षा विभाग की ओर से इन्हें महीने में सिर्फ एक दिन अवकाश की अनुमति दी गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.मुकुल कुमार सती ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षक समय-समय पर विद्यालय से अवकाश अथवा अनुपस्थित रहते हैं। यह भी देखने में आया है कि अतिथि शिक्षक अवैतनिक अवकाश के लिए स्कूल में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर अनुपस्थित रह जाते हैं। इस तरह के अनाधिकृत अवकाश से स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में शिक्षण व्यवस्था सुचारू रखने के लिए नियमानुसार प्रभावित शिक्षक की तैनाती सुनिश्चित की जाए। जिससे पठन-पाठन प्रभावित न हो।

सिर्फ मातृत्व अवकाश पर लंबी छुट्टी

शिक्षा विभाग सिर्फ मातृत्व अवकाश पर ही अतिथि शिक्षकों को लंबी छुट्टी देता है। वर्ष 2018 में सरकार ने अतिथि शिक्षकों के लिए साप्ताहिक अवकाश और सरकारी छुट्टी के अतिरिक्त हर महीने एक अवकाश देने की स्वीकृति दी थी।