इसी दौरान उन्होंने यह भी धोषणा की कि पिथौरागढ़ ( Pithauragarh ) जिले में पचास करोड़ की लागत से देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन ( Tulip garden ) बनाया जाएगा। साथ ही राज्य में साहसिक गतिविधियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की होगी। हाई वैल्यू टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ये निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ( Uttarakhand CM ) ने बताया कि पौड़ी के स्थानीय नागरिकों के सहयोग से जिले में जयपुर की तरह कलर कल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि भवन निर्माण में पर्वतीय स्थापत्य का प्रयोग हो। इससे सैलानी उत्तराखंड की स्थापत्य कला से रूबरू हो सकेंगे।
इसके साथ ही पौड़ी गढ़वाल ( Pauri Garhwal ) में 200 करोड़ रूपए से अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए निर्देश दिया गया है। इससे यहां पर माल रोड़ विकसित की जाएगी। पौड़ी बस अड्डा-कंडोलिया-किंकालेश्वर रोपवे बनाया जाएगा। पार्कों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। पौड़ी, खिर्सू, सतपुली, जयहरिखाल आदि स्थानों में विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
धार्मिक दृष्टिकोण से महत्पूर्ण स्थानों का भी विकास किया जाएगा। पौड़ी में ‘‘सीता माता सर्किट’’ ( Sita Mata Circuit ) विकसित किया जाएगा। पौराणिक महत्व के देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मंदिर, देवाल स्थित लक्ष्मण मंदिर व फलस्वाड़ी स्थित माता सीता करते हुए इसका प्रचार किया जाएगा।
वहीं पिथौरागढ़ में पचास हेक्टेयर में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा। इसमें वर्ष के आठ महीने टृयूलिप के फूल देखने को मिलेंगे। इस पर काम शुरू हो गया है। साथ ही पिथौरागढ़ हवाई पट्टी का विस्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।
साहसिक गतिविधियों के निदेशालय की स्थापना के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक खर्चीले पर्यटक राज्य में आएं, जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के साथ अच्छी आमदनी हो। साहसिक गतिविधियों में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग,रॉक क्लाईम्बिंग, माउंटेन बाईकिंग, जिप वायर साईक्लिंग, बंजी जम्पिंग, हॉट एयर बैलून, पैराग्लाईडिंग, वाटर स्पोर्ट्स आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड पर्यटन ( Uttarakhand tourism ) राज्य है। यहां साहसिक खेल रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन है।