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थराली आपदा: पहाड़ी से हुई भारी लैंडस्लाइड, SDM साहब आफिस से CPU लेकर भागे

Landslide in Tharali : उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में 22 अगस्त की रात आई प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। 25 अगस्त को एसडीएम ग्रामीणों के साथ बैठकर नुकसान का आकलन कर रहे थे। इसी दौरान फिर से भूस्खलन शुरू हो गया और एसडीएम CPU लेकर आफिस से बाहर भागे।

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थराली में भूस्खलन, CPU लेकर भागे SDM, PC- Video Grab

Landslide in Tharali : उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में 22 अगस्त की रात आई प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। बादल फटने और भूस्खलन के कारण घर, दुकानें, और खेत तबाह हो गए। इस आपदा में एक युवती की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है। आपदा की चपेट में आम लोग ही नहीं, बल्कि थराली के एसडीएम पंकज भट्ट भी आए। उनका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज और कंप्यूटर का CPU लेकर जान बचाते हुए भागते नजर आ रहे हैं।

22 अगस्त की रात थराली में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। इसके बाद 25 अगस्त को थराली तहसील में प्रभावित लोग अपने नुकसान की जानकारी देने पहुंचे थे। तभी अचानक एसडीएम कार्यालय के पीछे फिर से भूस्खलन शुरू हो गया। इससे कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी महत्वपूर्ण दस्तावेज बचाने के लिए भागे। वायरल वीडियो में एसडीएम पंकज भट्ट कंप्यूटर का CPU हाथ में लिए तेजी से सुरक्षित स्थान की ओर जाते दिख रहे हैं।

एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि कार्यालय के तीनों कमरों में मौजूद महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा, 'हमने सभी जरूरी दस्तावेज सुरक्षित कर लिए हैं। कार्यालय अभी भी सुरक्षित है, और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।'

चेपड़ो गांव में सबसे ज्यादा तबाही

22 अगस्त की रात थराली के चेपड़ो गांव में आपदा ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मलबा घरों, दुकानों और तहसील परिसर में घुस गया। कई वाहन मलबे में दब गए, और दुकानें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। एक युवती मलबे में दबकर मर गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति अभी भी लापता है। सर्च ऑपरेशन जारी है।

चेपड़ो में 11 लोग मलबे में बह गए, लेकिन किस्मत ने साथ दिया और वे बच गए। हालांकि, उनकी आजीविका और सामान मलबे में दफन हो गए। ग्रामीणों के जरूरी दस्तावेज पानी में बह गए, और बच्चों की पढ़ाई के लिए रखे पैसे भी नष्ट हो गए। स्थानीय निवासी भास्कर पांडे ने कहा, '22 अगस्त की रात भारी बारिश के बाद एक जोरदार धमाका हुआ। हम डरकर भागे। मलबे ने हमारा घर भर दिया। प्रशासन मदद कर रहा है, लेकिन सामान्य जीवन में लौटना मुश्किल है।'

11 घायलों का एम्स ऋषिकेश में इलाज

आपदा में घायल हुए 11 लोगों को गंभीर हालत में हेलिकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

बिजली-पानी का संकट, राहत कार्य जारी

थराली बाजार, चेपड़ो, केदारबगड़, राड़ीबगड़, और खारीबगड़ में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विद्युत विभाग को जल्द से जल्द आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं। जल संस्थान टैंकरों के जरिए प्रभावित क्षेत्रों में पानी पहुंचा रहा है। सड़कों को खोलने के लिए चार जेसीबी और पोकलैंड मशीनों से युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 25 अगस्त को थराली पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।" उन्होंने पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 5 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा भी की।

आपदा ने छीना रोजगार

थराली आपदा ने ग्रामीणों के रोजगार और भविष्य को गहरी चोट पहुंचाई है। दुकानें, खेत, और गाड़ियां मलबे में दब गईं, जिससे कई परिवारों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। प्रशासन और भारतीय सेना के साथ मिलकर राहत कार्यों में जुटी है, जिसमें सर्च और रेस्क्यू डॉग्स और ड्रोन भी शामिल हैं।