सीएम बोले-दिल पर हाथ रखकर सच बोलना
जनसमूह के बीच मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेरे किसान भाई यहां बैठे हैं, जरा दिल पर हाथ रखकर सोचना नरवाई जलती है तो केवल नरवाई नहीं जलती, कितने छोटे-छोटे जीव और जंतु जलते हैं। उसमें मित्र कीट भी हैं जो धरती को उपजाऊ बनाने के लिए जरूरी हैं। सब धूं-धूं कर एक तरफ से जल जाते हैं। दूसरा बड़ा नुकसान होता है भूसा भी जल जाता है। मुख्यमंत्री ने किसानों से नरवाई न जलाने की बात कही। साथ ही किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित भी किया।
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किस्सा सुनाकर किसानों को दिया संदेश
मुख्यमंत्री चौहान ने नरवाईं जलाने पर दुःख जताते हुए एक किस्सा सुनाकर कहा कि, एक दिन हम हेलीकॉप्टर से माखननगर जा रहे थे। चारों तरफ खेतों में आग लगी थी। नरवाई जल रही थी, में दुखी हो गया, नरवाई जलाने के बजाय किसान भाई उसे प्राकृतिक खाद के तौर पर तैयार करें और कृषि का लाभ प्राप्त करें।
संभागीय कार्यालय करेगा निगरानी
उधर, समाचार प्रकाशन के बाद उज्जैन संभागायुक्त संदीप यादव ने भी सभी जिलों के कलेक्टर्स को नरवाई जलाने पर कार्रवाई संबंधी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। संभागीय कार्यालय ने बताया कि, संभाग के सभी जिलों में उक्त आदेश जारी कर दिए गए हैं, साथ ही नरवाई जलाने पर निगरानी के लिए कहा है।
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