
भाजपा: विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री पवैया ने टटोला वरिष्ठ नेताओं का मन, घर भी पहुंचे
देवास। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा प्रदेश के बड़े नेताओं ने जिले में प्रवास शुरू कर दिया है। इसी क्रम में वरिष्ठ नेता प्रवास एवं संवाद कार्यक्रम के तहत भाजपा के वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के सहप्रभारी जयभानसिंह पवैया शहर पहुंचे। शुक्रवार को पवैया शहर के वरिष्ठ नेताओं के घर पहुंचे तो जिला कार्यालय पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व पूर्व जनप्रतिनिधियों से वन टू वन चर्चा की। उन्होंने पुराने नेताओं के मन की पीड़ा जानी और उन्हें नोट किया। साथ ही जिले की पांचों विधानसभाओं को लेकर फीडबैक भी लिया। जिले से मिला फीडबैक पवैया प्रदेश नेतृत्व के समक्ष रखेंगे। शुक्रवार को सबसे पहले पवैया पूर्व महापौर शरद पाचुनकर के निवास पर पहुंचे। यहां चर्चा के बाद पूर्व मंत्री दीपक जोशी व पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष रायसिंह सैंधव के निवास पर पहुंचे। इसके बाद कार्यालय पर जिले के वरिष्ठ नेताओं व पूर्व जनप्रतिनिधियों से चर्चा की। उन्होंने वरिष्ठ नेता व अपेक्षित पूर्व जनप्रतिनिधियों से संवाद कर मार्गदर्शन दिया। साथ ही संगठन की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने नवीन भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की। भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, विधायक गायत्रीराजे पवार, पूर्व महापौर शरद पाचुनकर, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व पापुनि अध्यक्ष रायसिंह सेंधव, फूलसिंह चौहान, नंदकिशोर पाटीदार, अजयसिंह बघेल, बहादुर मुकाती, महेश दुबे, गोपीकृष्ण व्यास, बृजमोहन धूत, सुरेंद्र वर्मा, राजेंद्र वर्मा, तेजसिंह सेंधव, गणपत पटेल, नरेंद्रसिंह राजपूत, कैलाश गोस्वामी, सुभाष शर्मा, अंसार अहमद सहित जिले भर के भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे।
हमारे काम में पीढ़ी परिवर्तन हुआ
उधर मीडिया से चर्चा करते हुए पवैया ने कहा कि भाजपा ने मप्र में वरिष्ठ नेता प्रवास योजना बनाई है। करीब 14 लोगों को पूरे प्रदेश में भेजा है। प्रवास योजना को लेकर उन्होेंने कहा कि भाजपा अनुभव व ऊर्जा को साथ लेेकर चलती है। हमारे काम में पीढ़ी परिवर्तन हुआ है। युवाओं की बड़ी संख्या है जो नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन वर्षों से अपना जीवन खपा देने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता आज भी सक्रिय हैं। हमने सोचा की उन वरिष्ठ नेताओं को भोपाल बुलाने की बजाए क्यों न जिले में जाकर उनसे मिला जाए। ऐसे अनुभवी नेताओं से उनके सुझाव लें। संगठन को और मजबूत करने व चुनावी दृष्टि से हम और अधिक ऊर्जा के साथ मैदान में किस तरह जा सकते हैं, इन विषयों पर चर्चाएं हुई है। यह एक सहज प्रक्रिया है और यह कुशाभाऊ ठाकरे के काल से हमारी पद्धति रही है। इस तरह के प्रवास होते ही हैं। हमारा कैडर आधारित संगठन है।
Published on:
08 Apr 2023 06:09 pm
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