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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी ISRO में बनी वैज्ञानिक, रॉकेट लांचिंग में देगी अहम योगदान

MP News: इसरो में वैज्ञानिक पद पर देवास की महिमा का चयन

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MP News: महिमा पांच साल की थी जब उसके पिता का साथ छूट गया। मां ने अथक संघर्ष कर उसे पढ़ाया और उसके सपनों को पूरे करने में मदद की। अब वही बिटिया इसरो के रॉकेट लांचिंग प्रोजेक्ट में वैज्ञानिक के रूप में देश की प्रगति में योगदान देगी। यह कहानी शहर के मक्सी रोड चामुंडा धाम निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि यादव की बेटी महिमा यादव की है।

ज्वाइन करेगी नई नौकरी

26 साल की महिमा का इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चयन हुआ है। जल्द ही वह अपनी नई नौकरी ज्वाइन करेगी। महिमा की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है, लेकिन उन्होंने बेटी को संघर्ष कर पढ़ाया, बेटी ने भी मेहनत में कसर नहीं छोड़ी और वैज्ञानिक बन गई। महिमा ने बताया कि वह वर्तमान में गुजरात के जामनगर में वाड़ेनार में इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन में ए ग्रेड अधिकारी के रूप में काम कर रही है।

उन्होंने बताया कि उनकी 12वीं तक की स्कूलिंग देवास में ही हुई। इसके बाद उन्होंने इंदौर से जेईई की तैयारी की थी। साल 2021 में अहमदाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद आईआईटी इंदौर से एमटेक किया।

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मां के संघर्ष से प्रेरणा

महिमा ने बताया कि शुरू से इच्छा थी कि इंजीनियर बनूं। पांच साल की उम्र में सिर से पिता का साया उठ गया। फिर मां के संघर्ष को देखा। मां ने कभी मेरे सपनों को लेकर समझौता नहीं किया। मेरी हर इच्छा पूरी की। मेरी इच्छा थी कि परिवार ने मुझ पर जो भरोसा रखा, उसे अपनी मेहनत से सही साबित करूं। मेरे दादाजी और मामा ने भी मेरा पूरा सहयोग किया।