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पत्रिका टीम
जिले भर में गुरु भक्तों ने अपने गुरुओं के पैर छूकर गुरु पूर्णिमा पर्व उत्साह से मनाया। किसी ने मंदिर में जाकर पूजन किया तो किसी ने दूसरे शहर जाकर अपने गुरुओं से आशीर्वाद लिया। सुबह से मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ लगी रही।
सोनकच्छ. नगर व अंचल में गुरु भक्तों, शिष्यों द्वारा पूर्णिमा श्रृद्धापूर्वक मनाई। समीप के ग्राम कोटड़ा में शुक्रवार को श्रीकोटेश्वर महादेव धाम पर स्थित विश्व के चौथे व भारत के तीसरे श्रीमां धूमावती शक्तिपीठ पर भी पूर्णिमा पर सैकड़ों भक्त, दीक्षित व शिष्य पहुंचे और पीठ के स्वामी नित्यमुक्तानंद तीर्थ महाराज के चरणों का बारी-बारी से पूजन किया, तिलक लगाया, पुष्पमाला पहना, यथायोग्य सामथ्र्य, श्रद्धानुसार शॉल, श्रीफल, मिठाई, वस्त्र, फल, दक्षिणा अर्पित कर पूरी श्रृद्धा के साथ चरणों की वंदना कर स्वामीजी से आर्शीवाद लेने के बाद समीप ही स्वामीजी के गुरु ब्रह्मलीन श्रीशिवोम् तीर्थ महाराज के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर शीष झुकाया। गुरु पूजन के बाद स्वामी द्वारा अपने गुरु की तथा शिष्यों द्वारा स्वामीजी की आरती की गई।
अलसुबह से शुरू हुआ गुरु पूजन का सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा। इस अवसर पर स्वामीजी द्वारा पीठ पर आए सभी भक्तों के लिए भंडारा आयोजित किया जिसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, मप्र के भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, देवास, शााजापुर, रतलाम, टीकमगढ़ सोनकच्छ, बावई, गंजपुरा, सांवेर, कोटड़ा आदि जगह से भक्तों ने पहुंचकर प्रसादी ग्रहण की। स्वामीजी ने गुरु का महत्व समझाते हुए बताया कि गुरु शब्द के गु का अर्थ है अंधकार व रु का अर्थ है प्रकाश अर्थात जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वो गुरु है। गुरु बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती है। उन्होंने बताया द्वापर युग के पांडव काल में उस समय के सभी ऋषि-मुनियों द्वारा आषाढ़ की पूर्णिमा पर एक बैठक रखी, जिसमें सभी ने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि सभी देवताओं की किसी न किसी पर्व पर पूजा की जाती है, लेकिन गुरु का कोई पर्व नहीं होता, जिसमें उसकी पूजा की जाए। जबकि ज्ञान के दाता गुरु होते है तो क्यों न आज ही के दिन प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाए और सभी ऋषि-मुनियों द्वारा मंत्रणा में उपस्थित मुनि वेदव्यास की गुरु के रूप में पूजा की गई। इसलिए इसे व्यास पूजा भी कहा जाता है और तभी से ज्ञान के दाता गुरु की आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन पूजा की जाने लगी। इस दिन आश्रमों पर जाकर भक्त, दीक्षित तथा शिष्य अपने-अपने गुरुओं की पूजा करते है। मुनि वेदव्यास के पिता का नाम पाराशर व माता का नाम सत्यवती था।
नेमावर. नगर में चिन्मय धाम आश्रम खाक चौक तपस्वी बाबा आश्रम, शास्त्री बाबा आश्रम, टाटेस्वरी बाबा आश्रम बजवाड़ा, मोनी बाबा आश्रम मंडलेश्वर, संत आत्माराम बाबा संस्कृत विद्यापीठ, संत आत्माराम बाबा समाधि स्थल मेलघाट, बागदी संगम भैरवनाथ शक्तिपीठ आश्रम बागदी संगम भूमि सहित आश्रमों पर अलसुबह से ही गुरु पद पूजन के लिए भक्तों का जनसमूह उमडऩा आरंभ हो गया था। बड़े बाबा आश्रम पर संत रामस्वरूप शास्त्री, चिन्मय धाम आश्रम पर संत विठ्ठालराम महाराज, बागदी संगम आश्रम पर संत प्रकाशनंद महाराज, खाक चौक पर संत भगवतदास, संस्कृतविद्यापीठ पर आचार्य रामकृष्ण शुक्ल के आचार्यत्व में पूजा-अर्चना किया गया। मुख्य सिद्धनाथ मंदिर के कपाट सूतक काल आरंभ होने के साथ ही बंद कर दिए गए।
मेलघाट रोड स्थित संत आत्माराम बाबा संस्कृतविद्यापीठ पर पर्यावरण हित में विद्यापीठ परिसर में करीब 108 पौधे लगाए। मुख्य यजमान सुदामा प्रसाद शर्मा सहित समाज बंधुओं ने गुरु पूजन का लाभ लिया। इस अवसर पर लखनलाल शर्मा मुंदी, विद्यापीठ संस्थापक सुदामाप्रसाद शर्मा, सहसचिव ब्रह्मनंद पराशर, विनायक शर्मा, गजानंद पराशर, श्रीराम काजले, अखिलेश बिल्लोरे आदि मौजूद थे।
चापड़ा. गुरु पूर्णिमा बहुत मार्मिक तात्विक सात्विक शब्द है। यह बात जैन तीर्थ शिवपुर मातमोर में आचार्य वीररत्न विजयजी मसा ने कही। गुरुजी ने बताया कि एक कहावत है गंगा में स्नान आचमन करने से पापों का नाश होता है, कैसी भी गर्मी हो पूनम के चांद की रोशनी में बैठ जाओ सारा ताप विनाष्ठ हो जाएंगे। चाहे संसार का कैसा भी संताप पीछे लगा हो कल्पवृक्ष की शीतल छाव में जाने से सारे संताप समाप्त हो जाते हैं, किंतु गुरु एक ऐसी दिव्य ताकत है, जिन के सानिध्य में आने से पाप, ताप तथा संताप सभी दूर हो जाते हैं। इसी दौरान सिद्दिकगंज के 30 उपवास के तपस्वी सोनम पीयूष देशलहरा का अभिनंदन ट्रस्ट मंडल द्वारा किया गया। इधर शुक्रवार को पं. बिजू त्रिवेदी ने खेड़ापति हनुमान की पूजा-अर्चना कर नगर के कांकड़ पर स्थित सभी देवी-देवताओं की पूजा की। इस दौरान नगर पटेल सहित कई ग्रामीण जन उपस्थित थे।
पीपलरावां. ओशो मित्रों व उनके अनुयायियों द्वारा पूर्णिमा पर सुबह 9 बजे से गजानंद के निवास पर अपने सतगुरु ओशो के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा पूर्वक मनाई गई !
इस अवसर पर ओशो के सन्यासी शंकर सिंदल ने कहा की ओशो कहते थे के जीवन में जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वह गुरु होता है। उदयसिंह मालवीय , गंगाराम चौहान ,शंकर सिंदल , गजानंद , दिनेश परमार , जितेंद्र सिंदल , मांगीलाल मालवीय, दीपक मालवीय , मेहरबान सिंह मालवीय ,पूजा , आरती, बाबूलाल देवलिया सहित कई लोग मौजूद थे। जानकारी शंकर सिंदल ने दी।
सुंद्रेल. ग्राम बिजवाड़ में विजेश्वर महादेव मंदिर पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा के दिन कन्या भोज कराया गया। महिला मंडल अध्यक्ष वासु बाई सिसौदिया, कृष्णा बाई धाकड़ , फूल कुंवर परिहार, शारदाबाई दलोदिया, चंद्रकांता बाई परिहार ,गीताबाई परिहार, सूरज बाई राठौड़, मधु व्यास द्वारा सभी कन्याओं को भोजन कराया।
नेवरी. नेवरी सहित आसपास क्षेत्र में गुरू पुर्णिमा का पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया । समीपस्थ ग्राम महूखेड़ा में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक पंडित राधेश्याम त्रिवेदी का कंकू चावल से तिलक लगाकर व शाल, श्रीफल एवं पुष्पमाला पहनाकर सम्मान कर आशिर्वाद लिया गया । इस अवसर परसामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष दुबे ने गुरु के महत्व को बताया। केदार मल पाटीदार, कालू चौधरी, दिनेश पाटीदार, ओमप्रकाश शर्मा, राकेश पाटीदार, दयाराम पाटीदार, भगवती प्रसाद पाटीदार, शिवनारायण अमोदिया आदि ग्रामीण उपस्थित थे आभार कालू चौधरी ने माना।
ग्राम नराना में मनोहर आश्रम पर गुरू पूर्णिमा के अवसर भंडारे का आयोजन किया गया तथा गुरूओं का सम्मान किया गया ।
पूर्व मंडल अध्यक्ष तेजसिह बघेल, पूर्व विधायक सुरेन्द्र वर्मा, राजेन्द्र बारोड, सावेर सरपंच पप्पी यादव, बहादुर सिंह आदि उपस्थित थे । संचालन विमल नागर ने किया तथा आभार लक्ष्मण सिह गुर्जर ने माना
इकलेरा. गुरु पूर्णिमा उत्सव में ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों द्वारा शिक्षक शिक्षिकाओं को तिलक लगाकर श्रीफल देखकर सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का सम्मान किया गया । बारहवीं के छात्रों ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया । इस अवसर पर देवी अहिल्या स्कूल के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे तथा विद्यालय के डायरेक्टर द्वारा सभी बच्चों को फल फ्रूट वितरित किया गया । अजय नागरिया ने आभार माना।
कांटाफोड़. नगर में गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर साईं भक्तों के द्वारा साईं मंदिर पर पूजा अर्चना कर महाप्रसादी का आयोजन किया गया । इसी क्रम में गोविन्द नगर स्थित गुरुगोविंद मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पंडित भागवत प्रवक्ता एवं गुरु संस्कृत विद्यालय संचालक पंडित नारायण शास्त्री के द्वारा पांच दिवसीय रामचरित मानस की चौपाइयों पर यज्ञ के साथ साथ आहुतियां दी गई । इस अवसर पर पूर्व ब्लाक शिक्षा अधिकारी आरसी तिवारी , पूर्व जिला अध्यक्ष महेश दुबे , डॉ बीपी मालवीया , उद्योग पति शैलेश होलानी , शिक्षा विद दिनेशचंद्र पंचोली , नगर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने संबोधित किया। गुरु पूजन के दौरान सत्यनारायण तिवारी , ब्रजमोहन तिवारी , जगदीश पाराशर , कमल पाराशर , रेवाशंकर अमरेश , राजेश चौबे , कमल पटेल , हरिओम तिवारी , बालकृष्ण शर्मा सहित बड़ी संख्या में गुरुभक्त तथा संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।
सतवास. सदगुरू की पूजन का महापर्व गुरू पूर्णिमा पर्व सम्पूर्ण सतवास अंचल में शुक्रवार को शिष्यो ने उत्साह से मनाया।शिष्यों ने अलग-अलग स्थानों पर विराजित अपने गुरूओं के पास जाकर उनका पाद-पूजन कर उनका आर्शीवाद ग्रहण किया। इस अवसर पर सतवास में सांई भक्त मित्रमंडल द्वारा सांई भगवान की महाआरती गाजे-बाजे के साथ की गई। मुख्य आयोजन प्रसिद्व तीर्थ स्थल धर्मेश्वर महादेव मंदिर पर हुआ । मंदिर संस्थापक काशी मुनि उदासीन का आर्शीवाद ग्रहण किया। इस अवसर पर ग्राम पोखर के ग्रामीणों के सहयोग से भंडारे का आयोजन किया गया । जिला कंाग्रेसाध्यक्ष श्याम होलानी,ब्लॉक कंाग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष अमरजीतसिंह चडडा,नगर कांग्रेसाध्यक्ष विजयसिंह गौड,कर्मचारी कंाग्रेस प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेश जोशी,व्यापारी एसोसिएशन उपाध्यक्ष मनोज राय,संदीप शर्मा, आदि ने संत काशी मुनि उदासीन को शाल व श्रीफल भेंटकर उनका पाद पूजनकर आर्शीवाद लिया। मंदिर समिति के ओम सांई,पुजारी सुदीप जोशी,आचार्य विवेक व्यास,रामभरोसे पटेल,उद्वव पटेल, किशनलाल पटेल, शिवनारायण सोलंकी, ओम भाई,किसनलाल पटेल,महेश राय,रामबिलास गोल्या,राजेश पटेल आदि ने सभी श्रद्धालुओं का आभार माना।
Published on:
28 Jul 2018 10:56 am
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