
CG News: शहर को कचरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ग्राम मुजगहन में बायोगैस संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। अधिकारियों के सर्वे के बाद अब ग्राम पंचायत मुजगहन से एनओसी भी प्राप्त हो गया है। कार्य के लिए 71 करोड़ की मौखिक स्वीकृति प्राप्त हुई है। डीपीआर बनाकर प्रशासकीय स्वीकृति के लिए इसे भेजा जाएगा।
महापौर रामू रोहरा ने बताया कि राशि मिलने के साथ ही बायोगैस संयंत्र का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। बायोगैस संयंत्र में ग्राम मुजगहन के ग्रामीणों को रोजगार देने की पहली प्राथमिकत होगी। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बताया गया कि 17 जनवरी 2025 को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास में इंडियन ऑयल के अधिकारियों के बीच एमओयू हुआ है।
CG News: ग्राम मुजगहन में करीब 15 एकड़ जमीन में बायोगैस संयंत्र की स्थापना होगी। इसमें शहर से निकलने वाले गीला और सूखा कचरा का निष्पादन कर बायोगैस का निर्माण किया जाएगा। इससे प्राप्त होने से राशि का कुछ अंश निगम प्रशासन को भी मिलेगा। इससे निगम के आय में बढ़ोत्तरी होगी। कचरे से बनने वाले बायोगैस का निर्माण बीपीसीएल करेगा।
रामू रोहरा, महापौर नगर निगम: ग्राम मुजगहन में बायोगैस संयंत्र की स्थापना के लिए एनओसी मिल गई है। 71 करोड़ की मौखिक स्वीकृति भी मिली है। प्रशासकीय स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जा रहा है। मुजगहन के ग्रामीणों को रोजगार देना पहली प्राथमिकता है।
बायोगैस संयंत्र की स्थापना के लिए महापौर समेत अधिकारियों की टीम ने ग्राम मुजगहन का दौरा किया है। यहां बोर खनन के लिए टेस्ट भी किया जा चुका है। शहर के सभी 40 वार्डों से निकलने वाले करीब 20 टन से अधिक गीला कचरे का उपयोग बायोगैस बनाने के लिए किया जाएगा। इसमें धान के भूसे, गन्ने के छिलके सहित अन्य कचरे का भी उपयोग किया जाएगा।
Updated on:
21 Mar 2025 04:26 pm
Published on:
21 Mar 2025 04:25 pm
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