
CG Road Accident: धमतरी में बडे़ वाहनों की स्पीड और लापरवाही का एक ताजा मामला सामने आया है। गिट्टी भरे हाइवा की स्टेयरिंग ड्राइवर ने क्लीनर को थमा दी और खुद कंडक्टर सीट पर सो गया। नौसिखिया क्लीनर को स्टेयरिंग मिली तो जमकर वाहन दौड़ाने लगा। देमार के पास राइस मिल में हाइवा घुस गई। घटना में सो रहे ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि क्लीनर को चोट आई है। इस घटना से हाइवा चालकों की लापरवाही को समझा जा सकता है कि किस तरह लापरवाही बरत कर लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है।
अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की रात हाइवा क्रमांक सीजी 07 सीआर-8697 में गिट्टी भरकर सेलूद से गंगरेल के लिए निकला था। रात के समय में हाइवा को ड्राइवर ईश्वर देशमुख (40) पिता फकीर ने क्लीनर रूपेन्द्र साहू (16) पिता तामेश्वर निवासी कुथरेल थाना रनचिरई को वाहन चलाने के लिए दे दिया और खुद सो गया। सोमवार की रात करीब साढे़ 3 बजे क्लीनर रूपेन्द्र वाहन चलाते हुए देमार तक पहुंच गया। इस बीच हाइवा अनियंत्रित होकर देमार के ओम राइस मिल में घुस गई। राइस मिल के बाउंड्रीवाल को तोड़ते हुए केबिन तक हाइवा जा घुसी। हादसे में हाइवा में सो रहे ड्राइवर ईश्वर देशमुख निवासी कोबा बुदेली थाना अर्जुंदा की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि वाहन चला रहे क्लीनर रूपेन्द्र घायल हो गया।
लोगों की मदद से वाहन में फंसे घायल और मृतक को निकाल कर रक्तदान एम्बुलेंस से शिवा प्रधान ने जिला अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद दो क्रेन और ट्रक की मदद से हाइवा को खींचकर बाहर निकाला गया। बताया जा रहा है कि मृतक ड्राइवर ईश्वर देशमुख के दो लड़कियां है। इस संबंध में ट्रैफिक डीएसपी मणिशंकर चन्द्रा ने बताया कि हादसे के समय क्लीनर वाहन चला रहा था। ड्राइवर बाजू में बैठा था। क्लीनर को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अर्जुनी पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
उल्लेखनीय है कि रात 10 बजते ही नेशनल हाइवे समेत स्टेट हाइवे पर वाहनों की गति पर कंट्रोल नहीं रहता। रेत, गिट्टी, आयरन ओर लेकर गुजरने वाले तेज रफ्तार वाहनों से अक्सर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। रात के समय पेट्रोलिंग पार्टी की भी प्रभावी कार्रवाई दिखाई नहीं देती। ऐसे में नशापान कर वाहन चलाने वाले ड्राइवरों की मनमानी से गंभीर हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
बता दें कि धमतरी से गुजरने वाली अधिकांश हैवी वाहनों की स्टेयरिंग नौसिखिए के हाथों में है। ट्रैक्टर, ट्रक हो या फिर हाइवा वाहन। रात के अंधेरे में रेत का अवैध परिवहन करने वालों में 30 फीसदी चालक नौसिखिए होते हैं। ऐसी स्थिति में सड़क हादसे का डर बना रहता है। उक्त दुर्घटना में भी 16 साल के नाबालिग को हाइवा की स्टेयरिंग थमा दी गई थी। यही दुर्घटना होने का बड़ा कारण बना।
Published on:
15 May 2024 02:37 pm
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