
धमतरी. जंगल के राजा बाघ के संरक्षण के लिए हर साल शासन लाखों रुपए खर्च करती हैं, लेकिन इनकी संख्या बढऩे के बजाय लगातार घट रही है। वन विभाग के सर्वे में सीतानदी क्षेत्र में एक भी बाघ नहीं मिला है। वही उदंती क्षेत्र में इनकी संख्या घटकर तीन हो गई है।
हर पांच साल में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी जंगल में जाकर वन्यजीवों की गणना करते हैं। 2014 के बाद अब फिर से सीतानदी-उदंती सहित प्रदेश के सभी अभ्यारण्य क्षेत्रों में वन्य जीवों की गणना की गई। 30 अप्रैल को दूसरा और अंतिम चरण पूरा हुआ। इस गणना में काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। 550 वर्ग किमी में फैले सीतानदी क्षेत्र में तो एक भी बाघ नहीं मिला है। इन आंकड़ों ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। उच्चस्तर के अधिकारी लगातार फील्ड में तैनात अधिकारियों से पुख्ता जानकारी एकत्रित कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 की वन्यजीव गणना के अनुसार सीतानदी क्षेत्र में 4 बाघ थे। इसमें से एक नर और एक मादा रिसगांव रेंज और एक नर और मादा सीतानदी रेंज में थे, लेकिन पिछले पांच साल से इनका कोई अता-पता नहीं है। हाल में कुछ लोगों ने सीतानदी क्षेत्र में बाघ मिलने की खबर दी थी, जिससे अधिकारियों को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन अब गणना के आंकड़े मिलने के बाद इस उम्मीद पर पानी फिर गया।
लाखों रुपए फूंक डाले
सीतानदी क्षेत्र को बाघों का प्राकृतिक आवास बताकर इसे रिजर्व फारेस्ट में शामिल किया गया है। पिछले 15 साल में सीतानदी टाइगर रिजर्व फारेस्ट में वन्यजीव संरक्षण के नाम पर लाखों रुपए फंूक डाले गए। और तो और यहां बसे वनवासियों को जंगल छोडऩे के लिए दबाव भी डाला जा रहा है। इस गणना ने सीतानदी को रिजर्व फारेस्ट घोषित करने पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
अन्य जीवों की स्थिति
वर्ष 2014 में हुई विभागीय गणना के अनुसार जिले के जंगल में 348 लंगूर, 20 भालू, 97 चीतल, 451 बंदर, 116 खरगोश, 200 जंगली सुअर, 52 हिरण, 33 मयूर, 10 लकड़बघ्घा, 8 कोटरी, 1 अजगर, 5 तेंदुआ, 1 घुटरी, 5 लोमड़ी, 3 बिज्जू, 4 सियार थे। बताया गया है कि क्षेत्र के जंगलों में लगातार शिकार के चलते इसमें से कई जीवों की अस्तित्व संकट में है।
वन्यजीवों की गणना पूरी नहीं हुई है। जो आंकड़े अब तक मिले है, उसे देहरादून भेजा जाएगा, जहां से पूरे देश में एक साथ वन्यजीवों की गणना के आंकड़े प्रकाशित किए जाएंगे।
विवेकानंद रेड्डी, डीएफओ सीतानदी-उदंती रिजर्व फारेस्ट
Published on:
11 May 2018 05:23 pm
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