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Pandit Pradeep Mishra: IAS-IPS, NEET की कर रहे तैयारी तो ऐसे करें शिवलिंग की पूजा, सफलता की पक्की गारंटी, पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताए अचूक उपाए

Pandit Pradeep Mishra: अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के शिवमहापुराण कथा का आयोजन धमतरी में हो रहा है। इस दौरान पं​. मिश्रा ने एक और उपाय को बताया है..

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Pandit Pradeep Mishra in cg

Pandit Pradeep Mishra Shiv Mahapuran Katha in Dhamtari: धमतरी के कांटाकुर्रीडीह में शिव महापुराण कथा का शुभारंभ शुक्रवार से प्रारंभ हुआ। पहले दिन अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सिहोर वाले ने कहा कि श्राद्ध पक्ष से बड़ा कोई पक्ष नहीं अन्य पक्षों में तो केवल देवता का आशीर्वाद मिलता है लेकिन श्राद्ध पक्ष में तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है। छत्तीसगढ़ की गंगा कहलाने वाले महानदी के पावन तट पर यह कथा हो रही है। यह सौभाग्य की बात है।

Pandit Pradeep Mishra: मैंने महानदी के तट पर रूकने का फैसला किया

Pandit Pradeep Mishra: उन्होंने कहा कि जिस पावन भूमि में भगवान श्रीराम के रज पड़े हो, वह कोई साधारण भूमि नहीं हो सकती और ऐसी भूमि पर शिवमहापुराण कथा का आयोजन करना बहुत सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि मुझे कई लोगों ने कहा 15-16 किलोमीटर दूर धमतरी में आकर रूकें लेकिन मैंने महानदी के तट पर रूकने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एक लोटा जल चढ़ाने का क्या महत्व है यह तो भक्त ही बता सकते हैं।

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Pandit Pradeep Mishra in CG: पंडित मिश्रा ने सुनाई वकील की कथा

एक वकील की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि गांव का एक व्यक्ति अपने बेटे का पता पूछने के लिए शहर पहुंचा और जब वकील को पता दिखाकर अपने बेटे के बारे में पूछा तो वकील ने उसे दुत्कारते हुए दूसरा रास्ता बता दिया। जब वह व्यक्ति उस रास्ते में आगे बढ़ा तो उसे शिवपुराण कथा स्थल मिला। जहां उसने बैठकर कथा सुनी। जब कथा सुनकर वापस लौट रहा था तो रास्ते में उसका बेटा मोटर सायकल से आते मिला और अपने पिता को बैठाकर घर ले गया।

शिवमहापुराण का कथा बताने वालों को मिलता है बैंकुठ

Pandit Pradeep Mishra in CG: चार माह बाद वकील की मौत हो गई और जब चित्रगुप्त ने काले कोट वाले का पाप पुण्य का लेखा जोखा किया तो काले कोट वाले ने अपने जीवन में कोई पुण्य नहीं किया तो नरक भेज दिया जाए। इसी बीच नंदी आया उसने कहा कि काले कोट वाले ने एक व्यक्ति को शिवपुराण कथा का पता बताया है और शिवपुराण कथा का पता बताने वाले को बैकुण्ठ मिलता है।

ऐसे शांत हो जाएगा पितृदोष

उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह कहते हैं कि पितृपक्ष में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। पितृपक्ष में नया काम किया जा सकता है। क्योंकि इसमें पितरों का आशीर्वाद मिलता है। उन्होंने पितरों की तीन बेटियों के बारे में बताया और कहा कि पितृपक्ष में गौमाता को रोटी खिलाइ और पानी पिलाए। पितृ दोष, सर्पदोष अगर है तो शिवलिंग में एक दाना चावल, अशोक सुंदरी में एक दाना चावल चढ़ाए। अशोक सुंदरी में एक लोटा जल चढ़ाए पितृ दोष शांत हो जाएगा।

गोत्र नहीं मालूम तो शिव का नाम लेना चाहिए

उन्होंने कहा कि जिसे गोत्र नहीं मालूम है, उन्हें शिव का नाम लेना चाहिए। शिव भक्ति से क्या लाभ हुआ, पत्र में पढ़कर सुनाया कांटाकुरीडीह के शिवमहापुराण कथा में कांकेर जिला अंतर्गत नरहरपुर से आई महिला अनिता ने महाराज के पास पत्र भेजा जिसमें जिक्र किया कि उनके दो बेटे हैं। जिसमें से बड़ा बेटा नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था। छोटा बेटा नीट की तैयारी करते पांच साल हो गया।

परीक्षा के दिन बेलपत्र में शहद लगाकर चढ़ाने का लाभ

तब किसी ने उन्हें शिवलिंग में एक लोटा जल चढ़ाने और परीक्षा के दिन बेलपत्र में शहद लगाकर चढ़ाने कहा। इस साल उनके बड़े बेटे की रेलवे में नौकरी लग गई। छोटे बेटे का चयन मेडिकल कॉलेज में हो गया। कथा के प्रारंभ में आयोजन समिति के महासंरक्षक दीपक लखोटिया ने पंडित प्रदीप मिश्रा का स्वागत कर व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। प्रतिदिन 1 बजे से शाम 4 बजे तक कांटकुर्रीडीह में शिवमहापुराण कथा होगी। पहले दिन हजाराें की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे।