Dhamtari News: शहर में शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण की बाढ़ आ गई है। प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करने के बाद भी उनके हौसले बुलंद हैं। नियमितीकरण के लिए मिले निर्देश के बाद ऐसे लोगों के होश उड़ गए हैं।
Chhattisgarh News: धमतरी। जिनके पास जमीन का दस्तावेज है और न ही कोई रिकार्ड। जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन मंत्रालय की जारी गाइड लाइन के अनुसार निगम क्षेत्र में मकान या दुकान का निर्माण करने के पूर्व निगर निवेश से एनओसी व नगर निगम की अनुज्ञा शाखा से नक्शा पास कराना अनिवार्य है, लेकिन देखा जा रहा है कि कुछ लोग नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।
इसे नगरीय प्रशासन विभाग ने गंभीरता से लेते हुए निर्देश जारी कर नियमितीकरण नहीं कराने के वाले लोगों को नोटिस जारी कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिसके तहत करीब तीन हजार से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया गया है। यही नहीं 7 दुकानों (cg news) को साल भी कर दिया गया है। उधर नोटिस जारी होने के बाद नियमितीकरण की प्रक्रिया को जानने और आवेदन करने के लिए लोग निगम दफ्तर पहुंच रहे हैं।
पत्रिका पड़ताल में पता चला है कि शहर में ऐसे कई लोग है, जिनके पास मकान का पट्टा है और न ही कोई अन्य दस्तावेज। इसके अलावा पट्टाधारी मकान मालिकों ने अधिक जगह पर अतिक्रमण कर मकान बनवा लिया है। जबकि आवेदन करने के लिए उन्हें नक्शा, खसरा के साथ ही जमीन का बी-1, पट्टा समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराना जरूरी है। निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमितीकरण के तहत कार्रवाई शुरू होने के बाद उनके पास ऐसे भी आवेदन आ रहे है, जिनमें महत्वपूर्ण दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं कराया गया है।
आवेदन एक नजर में
सूत्रों की मानें तो नगर निगम प्रशासन को दुकान और मकान का नियमितीकरण कराने के लिए औसतन करीब 3 सौ आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसमें से 16 प्रकरणों का निराकृरण किया जा चुका है। नगर निवेश से मिली जानकारी के अनुसार अब तक कुल 55 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिससे शासन को 22 लाख 93 हजार 181 रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा संबंधित विभाग को 37 प्रकरण और भेजा गया है।
नियमितीकरण नहीं कराने वाले लोगों को पूर्व में नोटिस जारी किया जा चुका है। कुछ दुकानों को सील भी किया गया है। लोगों को जल्द से जल्द (dhamtari news) मकान और दुकानों का नियमितीकरण कराने के लिए कहा जा रहा है।
-विनय पोयाम, आयुक्त नगर निगम