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छोटे से गांव से निकलकर अनुराग पहले ही प्रयास में बन गए डिप्टी कलेक्टर

छोटे से गांव से निकलकर अनुराग पहले ही प्रयास में बन गए डिप्टी कलेक्टर

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धार

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Hussain Ali

Feb 04, 2019

anurag

छोटे से गांव से निकलकर अनुराग पहले ही प्रयास में बन गए डिप्टी कलेक्टर

निक्की राठौड़. कालीबावड़ी. जहां चाह, वहां राह कहावत को फिर से साकार किया क्षेत्र के अनुराग पिता ध्यानसिंह निंगवाल ने, जो जिले के छोटे से गांव तिलबयडिया के हैं। उन्होंने अपने पहले प्रयास में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर पद हासिल किया है। अनुराग ने एसटी वर्ग में एमपी में टॉप किया और प्रदेश में ओवर ऑल 22वीं रैंक हासिल की।

अनुराग अनुसूचित जनजाति से आते हैं और इससे पहले भी वे कक्षा 10वीं व 12वीं में टॉप कर जिले, परिवार व गांव का नाम रोशन कर चुके हैं। इसके परिणाम स्वरूप पहले ही प्रयास में आईआईटी खडग़पुर में दाखिला हुआ। बहुमुखी प्रतिभा के धनी अनुराग निंगवाल ने अपने कॉलेज के दिनों समाज और क्षेत्र के लिए भी आगे आए, जिसके परिणाम स्वरूप उन्होंने गैर सरकारी संस्था जन अभ्युदय की स्थापना की जो कि एक पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करती है। इसके साथ ही वे अपने क्षेत्र में स्कूली बच्चों की कैरियर काउंसलिंग भी करते हैं।

अपने कॉलेज के आखरी साल में कॉलेज प्लेसमेंट के जरिए हैदराबाद के कॉलेज में सहायक प्रोफेसर भी रह चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने साथियों के स्टार्टअप टीएआई नामक संस्था में स्कूल में कोर स्किल को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया। साल 2017 से मुख्यमंत्री रिसर्च फेलो के रूप में आलीराजपुर में कार्यरत हंै, जिसके बाद डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। अपनी सफलता का श्रेय वो अपने आदर्श पिता ध्यानसिंह निंगवाल, माता देवकन्या निंगवाल एवं समस्त परिवार के सदस्यों तथा दोस्तों को देते हैं। भविष्य में उनका सपना एक शिक्षाविद और पर्यावरणविद बनने का है।