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Mahadev Temple: बड़केश्वर में महसूस होता है शिव का ‘साक्षात वास’, आप भी जरूर करें दर्शन

Bhadkeshwar Mahadev-यहां पहाडों की तलहटी में स्थित मंदिर में भगवान शिव के दो शिवलिंग हैं...>

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धार

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Manish Geete

Aug 01, 2022

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Bhadkeshwar Mahadev Temple

बाग (धार)। सतपुडा पर्वत मालाओं की पहाडियों में बसे प्राचीन बडकेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ऐसा लगता है मानो साक्षात शिव का वास ही है। कुक्षी से करीब 16 किमी दूर स्थित बाग-कुक्षी मुख्य मार्ग से 3 किलोमीटर अंदर बडकेश्वर महादेव (Bhadkeshwar Mahadev) का प्राचीन मंदिर पहाडों की तलहटी में स्थित है। महाशिवरात्रि पर लगने वाला मेला निमाड और मालवा का सबसे बडा मेला यही बडकेश्वर महादेव पर ही लगता है और शिवरात्रि के दिन भगवान बडकेश्वर महादेव के दर्शन के लिए 1 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। पवित्र श्रावण मास में भी यहां पूरे माह शिव भक्त आकर बडकेश्वर महादेव के दर्शन लाभ लेते है। आज श्रावण का तीसरा सोमवार है। सोमवार को भी भक्त बडी संख्या में यहां आकर जलाभिषेक करते हैं। श्रावण मास में प्रतिदिन शाम को आरती होती है।

इस प्राचीन स्थल का धार्मिक महत्व सबसे अलग

प्राचीन तपस्वी स्थल का अपना अलग ही महत्व है। यहां पुराने समय में ऋषि मुनियों की तपस्याओं से यह स्थान अपने आप में तेजस्व भूमि के रूप में जाना जाता है। यहां पहाडों की तलहटी में स्थित मंदिर में भगवान शिव के दो शिवलिंग हैं। जो पूर्व मुखी जलधारा के होने से अपना विशेष और देश में अलग ही स्थान रखते हैं। प्राचीन समय में बड के झाडों की बहुलता होने से स्थान का नाम बडकेश्वर महादेव पड़ा है।मंदिर के पुजारी संजय पुरी और उनके काका भगवानपुरी गोस्वामी बताते हैं कि यहां भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।

मालवा और निमाड़ का सबसे बड़ा मेला यही लगता है

मालवा और निमाड क्षेत्र में यूं तो अनेक धार्मिक स्थल है, परन्तु बड़केश्वर महादेव का मंदिर अपने आप में अलग ही है। बड़केश्वर मेला 7 दिनों के लिए लगता है और विशेषकर शिवरात्रि के एक दिन पूर्व से लेकर अमावस्या को समाप्त 4 दिन ही रहता है। इन चार दिनों में ही यहां लाखों लोग शामिल होते हैं।

15 किमी दूर धरमराय से जल लेकर पहुंची

डही. महिलाओं ने ग्राम धरमराय से डही तक कावड़ यात्रा निकाली। इस दौरान वे अपने साथ कलशों में नर्मदा का पवित्र जल भरकर व हर. हर, बम. बम, भोले शंभू भोलेनाथ के जयघोष लगाते हुए पैदल डही आई। यहां स्थित भगवान नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर और नन्हेश्वर महादेव मंदिर स्थित शिवलिंग का साथ लाएं जल से अभिषेक किया। महाआरती बाद महाप्रसादी का वितरण किया। 8 और 9 अगस्त को नगर सहित क्षेत्र की पुरुष कावड़ यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 25 किलोमीटर दूर ग्राम कोटेश्वर पहुंचकर पुरुष कावड़ यात्रा के दो जत्थे डही क्षेत्र पहुंचेंगे। इनमें से एक जत्था भुवाड़ा बाबा नरझली पहुंचेगा तो दूसरा जत्था नगर में प्रवेश करेगा। पुरुष कावड़ यात्रा को लेकर अंचल में तैयारी शुरू हो गई है।