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Bhojshala ASI Survey: तलवार ….और फिर खुदाई में निकली संगमरमर की प्रतिमा, काली पट्टी बांध मुस्लिम समुदाय हुआ इकट्ठा

Bhojshala ASI Survey: 66 दिन में एएसआइ और जीएसआइ का सबसे लंबा सर्वे किया गया। उत्तरी भाग में एक पत्थर पर आकृतियां उकेरी मिली। दूसरे पर चित्रकारी थी।

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धार

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Astha Awasthi

May 27, 2024

Bhojshala ASI Survey

Bhojshala ASI Survey

Bhojshala ASI Survey:धार भोजशाला में रविवार को अब तक का सबसे लंबा वैज्ञानिक सर्वे (Dhar Bhojshala survey) हुआ। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सदस्यों के साथ जीपीआर मशीनों से करीब 11 घंटे सर्वे किया। जीपीआर मशीनों से यज्ञकुंड की स्कैनिंग की। हैदराबाद से आई टीम ने यज्ञकुंड और आसपास के हिस्से में बारीकी से स्कैनिंग की। खनन के दौरान टीम को एक खंडित प्रतिमा मिली है। पूर्वी भाग यानी मेन गेट के पास भ टीम ने एक प्वॉइंट पर ग्राफिंग की है। इमारत को नुकसान पहुंचाए बिना मशीन की मदद से जमीन के अंदर की स्थिति देखी जा रही है।

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उत्तरी भाग में मिली प्रतिमा (Dhar Bhojshala survey)

एएसआइ ने उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में उत्खनन जारी रखा। उत्तरी भाग में एक पत्थर पर आकृतियां उकेरी मिली। दूसरे पर चित्रकारी थी। तीसरा अवशेष संगमरमर के पत्थर का हिस्सा था, जो मूर्ति की तरह है। यह खंडित प्रतिमा है।

मुस्लिम समाज ने पढ़ी जुमे की नमाज (Dhar Bhojshala survey)

24 मई बीते शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर धार की भोजशाला में नमाज के लिए इकट्ठे हुए। काली पट्टी बांधकर मुस्लिम समुदाय के लोग खुदाई का विरोध कर रहे थे। इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन मानते हुए ही कई मुसलमानों ने नमाज में काली पट्टी बांधकर भाग लिया।

64 दिनों से हो रही भोजशाला की जांच

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एएसआई पिछले 64 दिनों से भोजशाला की जांच कर रहा है। हिंदु समाज के लोग 11वीं सदी के स्मारक भोजशाला को हिंदू वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते हैं। यह एएसआई द्वारा संरक्षित है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहता है। हिंदू पक्ष के वकील शिरीष दुबे ने दावा किया कि मुस्लिम समुदाय के नेता इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को गलत समझ रहे हैं।