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अवैध कॉलोनियों की खिलाफ पार्षद ने खोला मोर्चा

हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका

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अवैध कॉलोनियों की खिलाफ पार्षद ने खोला मोर्चा

मनावर नगर पालिका क्षेत्र में कृषि खेतों पर धड़ल्ले से आवासीय कॉलोनियां काटने का कारोबार चल रहा है, जिसे तत्काल रोका जाए

मनावर. नगर पालिका के पार्षद ने अवैध कॉलोनाइजर पर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। जबकि इस मामले सीएम खुद ऐसे समाजकटंकों पर कार्रवाई करने के लिए निर्देश कर चुके हैं। ताजा मामला मनावर क्षेत्र का जहां नगर पालिका के पार्षद सलीम खान ने कृषि भूमियों पर बगैर डायवर्शन के अवैध कॉलोनी विकसित करने के मामले में शिकायत दर्ज करवाई है।
सौंपे गए शिकायती आवेदन में बताया कि मनावर नगर पालिका क्षेत्र में कृषि खेतों पर धड़ल्ले से आवासीय कॉलोनियां काटने का कारोबार चल रहा है, जिसे तत्काल रोका जाए। उक्त कॉलोनी बगैर विकास अनुमति, बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस, बिना भवन अनुज्ञा और बगैर टीएनसी नक्शा पास कराए अपनी मर्जी अनुसार कृषि भूमियों के प्लॉट बेचे जा रहे हैं। इस मामले में नगर पालिका परिषद मनावर को बिना डायवर्शन शुल्क चुकाए कृषि भूमियों में आवासीय प्लॉट बनाकर धड़ल्ले से विक्रय करने का कार्य समाजकटकों द्वारा किया जा रहा है, जिससे शासन को करोड़ रुपए की राजस्व का नुकसान हो रहा है।
आवेदक सलीम खान द्वारा उपरोक्त कृषि भूमियों पर अवैध कॉलोनी के भूखंड बेचने के मामले में एक जनहित याचिका भी हाई कोर्ट इंदौर में 4 फरवरी को एडवोकेट पंकज गौड इंदौर के माध्यम से प्रस्तुत की गई। उक्त याचिका प्रस्तुत करने के बाद न्यायालय द्वारा प्रकरण संज्ञान में लिया। इधर इस मामले में कलेक्टर को भी शिकायत की गई है। जनहित याचिका के मामले में न्यायालय से निर्णय होने के पहले पार्षद स्थानीय प्रशासन से भी कार्रवाई की उम्मीद है, जिसके चलते शिकायत दर्ज करवाई है।
नियमितीकरण करने की प्रक्रिया पर रोक
गौरतलब है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने पिछले डेढ़ दो दशक में विकसित अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की थी। इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी। उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश खंडपीठ ग्वालियर में जनहित याचिका क्रमांक 104 14 / 2018 आदेश दिनांक 3 जून 2019 में उमेशकुमार बहरे की जनहित याचिका मंजूर करते हुए कॉलोनाइजर रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्त नियम 1998 की धारा 15 को शून्य घोषित कर दिया।