
धार.
जिला मुख्यालय स्थित प्रमुख पोस्ट ऑफिस धार में लाखों रुपए की वित्तीय अनियमिता की गोपनीय शिकायत पर जांच शुरु हुई है। जांच प्रारंभ करते ही अधिकारियों ने पोस्ट ऑफिस के मुख्य पोस्ट मास्टर सहित तीन अन्य कर्मचारियों को अन्य कार्यालय में स्थानांतरित ना करते हुए सीधे निलंबित कर दिया है। बीते एक सप्ताह से वरिष्ठ कार्यालय इंदौर के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच दल जांच में जुटा हुआ है। कई दिनों से गोपनीय रुप से जांच चल रही है। कर्मचारियों को सस्पेंड करते ही मामला सुर्खियों में आ गया है। अधिकारी इसे गोपनीय शिकायत के आधार पर सतर्कता के रुप में जांच की बात कर रहे है, किंतु सूत्रों के अनुसार पोस्ट ऑफिस में जमा निधि की अवधि पूर्ण होने पर राशि लेने गए एक उपभोक्ता के साथ वित्तीय अनियमितता का मामला घटित हुआ था। इस मामले में शिकायत सही पाए जाने पर वरिष्ठ कार्यालय ने ग्राहकों की सुरक्षा निधि की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए हटाए गए कर्मचारियों के पदस्थी कार्यकाल से जांच करना शुरु की है। प्रधान डाक कार्यालय से लगभग एक लाख खाते जुड़े हैं। इनमें से कई खातों की जांच की जा रही है।
तीन सदस्यीय दल द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है। देवेश औसारी जांच दल प्रमुख है और उनके साथ दो सदस्यों में इंस्पेक्टर राकेश वर्मा, मुकेश ओघाड़ी शामिल है। संपूर्ण जांच अधीक्षक ओमप्रकाश चौहान के मार्गदर्शन में चल रही है। बीते एक दिसंबर को जांच दल गठित किया गया था। प्रतिदिन 8 से 10 घंटे और उससे अधिक समय तक दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। पूर्व में जांच की सीमा 10 दिन तय की गई थीं। दस्तावेजों के परीक्षण में लगातार नई जानकारियां सामने आने के बाद इसकी मियाद बढ़ाई गई है। जांच कब तक चलेगी, इसको लेकर अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
अधिकारी जांच पूरी होने तक कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों की माने तो लाखों की वित्तीय अनियमितता की गई है। जिसमें रिकवरी भी की जा रही है। दरअसल 1 दिसंबर को जांच दल गठित किया गया था। 10 दिन की दस्तावेजी सर्चिंग के बाद 11 दिसंबर को चार कर्मचारी मुख्य पोस्ट मास्टर कुणाल मकवाना, डिप्टी पोस्ट मास्टर निर्मल सिंह, डाक सहायक अंबाराम और महिपाल को सस्पेंड कर दिया गया है। सपेंशन को पोस्ट मास्टर कुणाल मकवाना से बात करनी चाही तो संपर्क नहीं हो सका।
धार शहर के प्रमोद सावड़ेकर की आरडी अवधि पूर्ण होने उन्होंने राशि के लिए संपर्क किया था। जिस दिन राशि अवधि पूर्ण होना थी उस दिन अवकाश होने के कारण उनके द्वारा एक दिन पहले क्लोजर डाला गया। सावड़ेकर को जो राशि प्राप्त होना थी उसमें राशि कम दी गई। उन्होंने इसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई कि एक दिन पहले क्लोजर डालने से मेरा नुकसान हो रहा था, तो इसकी जानकारी काउंटर के लोगों को मुझे देना चाहिए थी, जो नहीं दी गई। इसकों लेकर उन्होंने वरिष्ठ कार्यालय को शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद वरिष्ठ कार्यालय ने पूर्ण स्थिति को समझा। चूंकि लेन-देन प्रक्रिया में राशि देना दर्ज हो गया था, किंतु त्रुटि विभागीय मानी गई थी। इसके चलते व्यक्तिगत रुप से शिकायतकर्ता के साथ संबंधित कर्मियों ने समझौता (मांडवाली) कर व्यक्तिगत रुप से उन्हें एक दिन का नुकसान 86 हजार रुपए की राशि दी गई। जिसके बाद उन्होंने शिकायत वापस ले ली। हालांकि मुख्य कार्यालय एक-एक ग्राहक की जमा राशि के प्रति सजग और संरक्षणकर्ता है, इसलिए उन्होंने जांच दल गठित किया। हालांकि अधिकारी इस जांच को फिलहाल दस्तावेजी परीक्षण कर रहे हैं।
धार पोस्ट ऑफिस में जांच के लिए दल गठित किया गया है। अभी जांच चल रही है। कुछ दिन रुक जाइये हम सब बता देंगे। वित्तीय अनियमितता के मामले में अभी कुछ नहीं बता सकते।
Published on:
16 Dec 2025 11:10 am
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