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2020 से चला शिकायत का दौर नहीं दिया ध्यान, फूटने पर गिरी गाज

कारम डैम फूटने के मामला, लापरवाहों के चलते हो गया 100 करोड का नुकसान

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2020 से चला शिकायत का दौर नहीं दिया ध्यान, फूटने पर गिरी गाज

2020 से चला शिकायत का दौर नहीं दिया ध्यान, फूटने पर गिरी गाज

धार . कारम डैम के मामले में अधिकारियों सहित सरकार ने ध्यान नहीं दिया। भाजपा सरकार ने इसका पूजन 2018 में किया था। इसके बाद काम शुरू किया। काम में गडबडी को देखते हुए काकडदा के सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश सोलंकी ने 30 मार्च 2021 को डैम की जानकारी केलिए सूचना का अधिकार आवेदन दिया था। इस आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं की। नतीजा यह रहा कि डैम भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया।
अधिकारियों को शिकायत के बाद भी अनदेखी की गई। करोडों का प्रोजेक्ट होने के बाद भी अधिकारियों ने ध्यान तक नहीं दिया। शिकायत हुई लेकिन कार्रवाई नहीं होने से ठेकेदार के हौंसले बुलंद होते गए। लोकेश सोलंकी ने बताया कि एसडीएम,कलेक्टर, संभायुक्त से ल ेकर सीएम हेल्प लाईन में शिकायतें की गई।

डैम में रिसाव 10 अगस्त से शुरू हो गया। प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया। अलर्ट के चलते धार,खरगोन के 18 गांव खाली करा लिए थे। ग्रामीण अपना सामान छोडकर पहाडियों, मंदिरों और धर्मशाला में चले गए। इन लोगों ने चार रातें दहशत में काटी थी। इसके बाद प्रशासनिक अमले ने पोकलैंड और अन्य मशीनों के जरिए तीन दिन तक पानी निकासी का अलग रास्ता बनाने की कोशिश की,लेकिन असफलता हाथ लगी। बाद में14 अगस्त को डैम को फोडकर पानी निकाल दिया। जिससे क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो गए। उधर मुआवजे के नाम पर भी सरकार ने ग्रामीणों के साथ छल किया। अब सरकार इसे डैम मानने को तैयार नहीं है। जबकि पूजनके लिए वर्ष 2018 में निमंत्रण बांटे थे उसमें डैम साफ लिखा हुआ है।

कई शिकायतें ध्यान नहीं
लोकेश सोलंकी ने डैम को लेकर कई शिकायतें की थी। इसके बाद भी अफसरों की नींद नहीं खुली। बताया जाता ह ैविभाग के एक बडे अधिकारी भाजपा समर्थित जोबट विधायक के भाई है। सोलंकी ने 2020 से लेकर 2022 तक हर जगह आवेदन सौंपे थे। सीएम हेल्प लाईन पर भी शिकायत की। अगर उनकी शिकायत पर ध्यान दिया जाता तो इतना बडा नुकसान नहीं होता।