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लग रहा है अभी बोल पड़ेगी 80 साल पुरानी मूर्तियां

जिले का गौरव फड़के स्टूडियो को जिला प्रशासन के सहयोग से पुर्नजीवित किया गया। महाराष्ट्र से एक मूर्ति बनाने धार आए डॉ. रघुनाथ कृष्ण फड़के को उनकी प्रतिभा देखकर तत्कालीन महाराज ने उन्हें मांडू रोड पर जमीन आवंटित की थी।

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Gitesh Dwivedi

Dec 10, 2016

dhar

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धार.
जिले की खंडेराव टेकरी स्थित फड़के स्टूडियो एक बार फिर तैयार है। यहां 1933 से रखी मूर्तियों में एक बार जान फूंकी गई है। फड़के स्टूडियो का लोकार्पण भी करेंगे प्रभारी मंत्री आर्य सुसज्जित फड़के स्टूडियो का लोकार्पण करेंगे। पिछले कई दिनों से फड़के स्टूडियो के जीर्णोद्धार का कार्य जारी था, जिसके बाद फड़के साहब की बनाई मूर्तियां फिर से जीवित हो उठी है। जिले का गौरव फड़के स्टूडियो को जिला प्रशासन के सहयोग से पुर्नजीवित किया गया। धार रियासत के समय महाराष्ट्र से एक मूर्ति बनाने धार आए डॉ. रघुनाथ कृष्ण फड़के को उनकी प्रतिभा देखकर तत्कालीन महाराज ने उन्हें मांडू रोड पर जमीन आवंटित की थी। कला के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण सरकार ने उन्हें पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया। उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियों के संग्रह को फड़के स्टूडियो के नाम से संग्रहित किया गया, जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना। जीर्णोद्धार का कार्य हैदराबाद की कंपनी ने किया है। 1933 की कई मूर्तियों की पालिशिंग भी की गई।


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