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बीजेपी की पांचवी सूची में धार, मनावर और सरदारपुर प्रत्याशियों की घोषणा, मैदान पर उतरे युवा चेहरे

धार से नीना वर्मा तो मनावर में युवा चेहरे शिवराम पर भाजपा ने जताया भरोसा......

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धार

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Astha Awasthi

Oct 22, 2023

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मध्यप्रदेश चुनाव 2023

धार-मनावर। विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बीत चुकी है। शनिवार को बीजेपी ने प्रत्याशियों की पांचवी सूची घोषित की। धार में वर्तमान विधायक मीना वर्मा पर भरोसा दिखाया है। वहीं मनावर में युवा चेहरे के रूप में शिवराम गोपाल (परमेश्वर) कन्नौज को मैदान में उतारा है। भाजपा ने मनावर सीट के लिए सभी कयासों पर विराम लगते हुए शिवराम को उम्मीदवार बनाया है। क्यों कि मनावर से टिकट के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री रंजन बघेल भी लगी थी, लेकिन पिछले चुनाव में लगभग 40 हजार वोटों से हारने के बाद बीजेपी ने सबक लेते हुए कड़ा फैसला लिया।

पार्टी ने रंजना बघेल को दरकिनार करते हुए युवा शिवराम पर भरोसा जताया है। पार्टी सूत्रों की माने तो 2013 के चुनाव में मनावर विधानसभा क्षेत्र में शिवराम के पिता स्व. गोपाल कन्नौज टिकट की दौड़ में शामिल थे, ङ्क्षकतु उस समय पार्टी ने टिकट रंजना बघेल को दिया था, लेकिन उन्होंने कार्यकर्ताओं की इच्छा के चलते गोपाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस बार उनके पुत्र शिवराम (परमेश्वर) का नाम आना चौकाने वाला रहा।

विरोध के बावजूद नीना को मिला टिकट

प्रदेश में धार जिले की राजनीति अलग ही पहचान रखती है। इसमें धार सीट शुरू से हॉट सीट मानी जाती है। पिछले दो बार के चुनाव में भाजपा ने नीना विक्रम वर्मा को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया था। जिस पर वे खरी उतरी। जीत दर्ज कर विधानसभा में धार को मजबूती प्रदान की। सामान्य सीट पर बीजेपी से टिकट प्राप्त करने लिए कई नेता जोड़ तोड़ में लगे थे। विरोध और आपसी खींचतान के बगैर नीना वर्मा तीसरी बार टिकट लाने में कामयाब रही।

कांग्रेस-भाजपा के बीच टक्कर

जिले की सात विधानसभा के लिए कांग्रेस ओर बीजेपी अपने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है। दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। कांग्रेस ने 2018 के हिसाब से ही अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे है। वही भाजपा ने मनावर और कुक्षी में नए चेहरों को मौका दिया है। धरमपुरी में 2013 के प्रत्याशी कालूङ्क्षसह ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस के पांचीलाल मेडा से होगा।

सरदारपुर में वेलसिंग को दोबारा मौका

आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सरदारपुर सीट पर भाजपा ने पिछले चुनाव में हार के बाद दूसरी बार वेलसिंह भूरिया भूरिया को उम्मीदवार बनाया है।

धार में फिर पार्टी ने नीना वर्मा पर जताया भरोसा

शनिवार को धार विधानसभा पर एक बार फिर से भाजपा ने नीना वर्मा पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया। टिकट मिलने के बाद उनके समर्थक उनके निवास स्थान पर पहुंचे। समर्थकों ने पहले नीना वर्मा का स्वागत किया और आतिशबाजी की।

मैदान में पांच चुनौतियां

1-विरोधी खेमा की हर साल की तरह इस साल भी नाराज है।
2-विधायक होने के बावजूद भी सिर्फ कार्यक्रमों में ही शिरकत करती है। अन्य मतदाताओं से जीवंत संपर्क नहीं है।
3-धार विधानसभा में विकास कार्यों तो हुए, लेकिन उनकी गति कछुआ गति रही है।
४- पिछला चुनाव कम मार्जिन से जीता था। इस साल ज्यादा मेहनत करना होगी।
5- लोगों से ज्यादा मिलती नहीं है। चुनाव व कार्यक्रम में ही चर्चा करते हुए नजर आती है।

मनावर में युवा चेहरे पर दिखाया भरोसा

पार्टी ने मनावर सीट से वरिष्ठ नेता रंजना बघेल को दरकिनार करते हुए युवा शिवराम पर भरोसा दिखाया है। वर्ष 2022 में जिला पंचायत के सदस्य के चुनाव में शिवराम कन्नौज ने उमरबन क्षेत्र के वार्ड में रेकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी, उनकी जीत की सफलता को देखते हुए पार्टी ने रंजना बघेल का टिकट काटकर टिकट दिया है।

मैदान में पांच चुनौतियां

1- मनावर नगर के लिए बाईपास
2- मनावर क्षेत्र की विभिन्न ङ्क्षसचाई परियोजनाओं से वंचित कृषि भूमि में ङ्क्षसचाई प्रबंधन करना
3- मेडिकल कॉलेज की स्थापना, कन्या महाविद्यालय, जैसे अहम् मुद्दे होंगे जो इनके लिए चुनौती बनें हुए हैं।
4- भाजपा की वरिष्ठ नेत्री रंजना बघेल व उनके समर्थकों को एक साथ लेकर चलना।
5-मनावर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करवाना

सरदारपुर में पूर्व विधायक पर फिर उम्मीद

वेलङ्क्षसह भूरिया सरदारपुर विधानसभा से टिकट लेने की होड़ में काफी लंबे समय से लगे थे। टिकट घोषित होने के बाद सरदारपुर विधानसभा भूरिया के समर्थक बधाई देने के लिए पहुंच गए। उल्लेखनीय है कि आदिवासी क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के साथ जमीन से जुड़े हुए नेता है। इसके चलते भाजपा ने एक बार फिर से टिकट देकर जीत की उम्मीद लगाई है।

मैदान में पांच चुनौतियां

1- रोजगार का अभाव।
2- पलायन रोकना।
3-अधूरी पड़ी पेयजल योजनाए, कई गांव में पेयजल समस्या
4- तहसील के हातोद औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार ना मिलना, औद्योगिक क्षेत्र का पूर्ण विकास ना होना।
5- तहसील के कई गांव में ङ्क्षसचाई समस्याएं।