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14 वर्ष बाद भी स्कूल भवन अधूरा

ग्राम चिकलिया में वर्ष 2005 में स्वीकृत विद्यालय आज तक पूर्ण नहीं हो पाया

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14 वर्ष बाद भी स्कूल भवन अधूरा

ग्राम चिकलिया में .इस प्रकार से 14 वर्ष से अधूरी पड़ी बिल्डिंग।

वीरेंद्र पाटीदार.

तिरला. विकासखंड के ग्राम चिकलिया में वर्ष 2005 में स्वीकृत विद्यालय जिसकी लागत राशि 4 लाख स्वीकृत की गई थी। उस विद्यालय का कार्य आज तक पूर्ण नहीं हो पाया। यूं तो सरकार शिक्षा के नाम पर लाखों रुपए खर्च करती है और सर्व शिक्षा अभियान चलाकर बच्चों एवं पालकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करती है।

किंतु जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जो निर्माण कार्य मात्र 2 से 4 माह में पूर्ण हो जाना था। वह 14 साल बाद भी अधूरा है। इस मामले में प्रधान अध्यापक सीताराम भावेल से चर्चा की तो वे हमें कुछ भी बताने में असमर्थ नजर आए। उनका कहना है कि मैं तो अभी 4 वर्ष से यहां पर बच्चों को पढ़ा रहा हूं। किंतु यह बिल्डिंग तो मेरे आने के पहले से ही अधूरी है। मैं इस बारे में आपको क्या बता सकता हूं। जिला मुख्यालय से महज 7 किमी की दूरी पर स्थित इस ग्राम में यह स्थिति है तो तिरला विकासखंड का क्षेत्रफल 40 किलोमीटर फैला हुआ है। वहां की स्थिति का अंदाजा इस माध्यमिक विद्यालय के अधूरे निर्माण को देखकर लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किस प्रकार से कर रहे हैं।

वैसे तो जब कभी किसी बिल्डिंग का स्टीमेंट बनता है तो उसकी लागत के हिसाब से स्वीकृति जारी की जाती है। फिर यह बिल्डिंग में स्टीमेट के हिसाब से राशि जारी की गई थी तो इसका काम प्लास्टर और फर्श का काम अभी तक बाकी क्यों रहा।

यह बिल्डिंग 2005 में स्वीकृत हुई थी, जो पीटीए के माध्यम से बनवाई गई थी। किंतु वह पूरी नहीं कर सके तो उस राशि को शासन द्वारा वसूली कर ली गई। अब हमारे द्वारा स्टीमेंट बनाकर शासन से राशि की मांग की गई है। जैसे ही स्वीकृति प्रदान होती है तो हम इस बिल्डिंग का अधूरा काम शीघ्र पूरा करवा देंगे।- दिलीप साधव, सहायक यंत्री