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महू में बनेगा प्रदेश का पहला आलू चिप्स क्लस्टर

मानपुर के पास कुवाली में 20 एकड़ जमीन पर १५ करोड़ की लागत से लेगा आकार, इटीपी प्लांट, प्रोसेसिंग यूनिट, स्टोरेज सहित मिलेगी तमाम सुविधाएं, पहले दूषित पानी को फिल्टर करने के बाद नदियों में छोड़ा जाएगा। भारत सरकार के माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेस क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसई-सीडीपी) सोजना के तहत बनने वाले इस प्रोजेक्ट की कीमत लगभग १५ करोड़ रुपए है।

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धार

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rishi jaiswal

Mar 25, 2023

महू में बनेगा प्रदेश का पहला आलू चिप्स क्लस्टर

महू में बनेगा प्रदेश का पहला आलू चिप्स क्लस्टर

ऋषि जायसवाल/संजय रजक
डॉ. आंबेडकर नगर (महू). इंदौर जिले की महू तहसील में प्रदेश का पहला आलू चिप्स क्लस्टर बनाया जाएगा। मानपुर के पास कुवाली में 20 एकड़ जमीन पर बनने वाले क्लस्टर में प्रोसेसिंग यूनिट, स्टोरेज और एक्जीविशन सेंटर सहित मिलेगी तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ चिप्स कारखानों से निकलने वाले दूषित पानी से प्रदूषित हो रही नदियों को बचाया जा सकेगा। चिप्स क्लस्टर में इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) प्लांट लगाया जाएगा। इससे पहले दूषित पानी को फिल्टर करने के बाद नदियों में छोड़ा जाएगा। भारत सरकार के माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेस क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसई-सीडीपी) सोजना के तहत बनने वाले इस प्रोजेक्ट की कीमत लगभग १५ करोड़ रुपए है।

गर्मियों में संचालित होते हैं १५० कारखाने
तहसील के कोदरिया और आस-पास के क्षेत्रों में गर्मियों के दौरान 150 से अधिक कारखाने संचालित किए जाते हंै। इनमें आलू चिप्स तैयार की जाती है। यह चिप्स देशभर के साथ विदेश भी भेजी जाती है। इन चिप्स कारखानों के चलते इन कारखानों से नदियां प्रदूषित हो रही हंै। अब प्रशासन इन कारखानों को एक जगह पर लाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मानपुर के पास कुवाली में राजस्व विभाग की 15 से 20 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।

केंद्र 60, राज्य 40 फीसदी लागत करेगा वहन
एमएसई-सीडीपी के तहत 15 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र 60 और राज्य 40 फीसदी लागत वहन करती है। जिला उद्योग केंद्र के जीएम एसएस मंडलोई ने बताया कि यह चिप्स क्लेस्टर प्रदेश का पहला है। इसमें पहले बिजली, पानी, सडक़ आदि भूलभूत सुविधाएं तैयार की जाएगी। हालांकि प्रोजेक्ट की डीपीआर बनने में ही 2 से 3 महीने का समय लग जाएगा।

खेती में उपयोग किया जा सकता है पानी
अफसरों के अनुसार आलू चिप्स बनाने के लिए निकलने वाले स्टार्च को ईटीपी प्लांट की मदद से अलग कर दिया जाएगा। जिसके बाद इस पानी को सिंचाई में भी उपयोग किया जा सकता है।

विदेशों में भी है हमारे चिप्स की मांग
कच्चे आलू पपड़ी निर्माता संघ अध्यक्ष मनोज सैनी ने बताया कि महू और आस- पास बड़े पैमाने पर चिप्स के आलू की खेती की जाती है। यहां कारखानों में तैयार चिप्स गुजरात, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में जाती है। फिर के बाद वहां से नेपाल, खाड़ी देश, पाकिस्तान सहित अन्य देश में जाती है।

20 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
वर्तमान में 150 से अधिक कारखाने संचालित होते है, जहां पर 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। क्लस्टर बनने के लिए यह संख्या बढक़र 20 हजार हो जाएगी। क्लस्टर बनने से नामी कंपनी भी रुचि दिखाएंगी।

वर्जन-
आलू चिप्स क्लस्टर को लेकर प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी है। जिसके लिए कुवाली में 15 से 20 एकड़ जमीन चिह्नित की है। जल्द ही इसकी डीपीआर तैयार हो जाएगी।
अक्षत जैन, एसडीएम, महू

फैक्ट फाइल-
- तहसील में 150 से अधिक आलू चिप्स कारखाने हो रहे संचालित
- 100 करोड़ रुपए से अधिक का हो रहा कारोबार
- चार महीने में 2.5 से 3 लाख टन चिप्स होती है तैयार
- मानपुर के पास कुवाली में 20 एकड़ में तैयार होगा आलू चिप्स क्लस्टर
- एमएसई-सीडीपी योजना के तहत तैयार होगा प्रोजेक्ट