. जिले के एक गांव में विवाह की तैयारियां चल रही थी, एक दिन बाद बरात आने वाली थी, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना मिल गई। विभाग का दल आया और शादी रोक दी। ग्राम गरडावद जिला धार में बाल-विवाह होने की सूचना मिली थी। महिला सशक्तिकरण विभाग और चाइल्ड लाइन धार एवं तिरला पुलिस थाना से संयुक्त दल को भेजा गया । दल द्वारा शादी के एक दिन पहले गरडावद में लड़की पक्ष से दस्तावेज मांगे गए, परंतु उम्र संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। दल को यह पता चला की लडकी नाबालिग है। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि दल ने गांव के स्कूल शिक्षक से लड़की की उम्र की पुष्टि की। जिसमें जन्म दिनांक के आधार पर लड़की अभी नाबालिग है। दल द्वारा लड़की के परिजन को समझाइश दी एवं बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों तथा बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में भी समझाया। तब लड़की के परिजन ने बाल-विवाह ना करने के लिए लिखित में आश्वासन दिया । दल द्वारा दोबारा ग्राम गरडावद में जाकर निरीक्षण किया और लड़के वाले पक्ष को भी बुलाकर लड़के व उसके परिजन को भी बाल-विवाह न करने के लिए समझाइश दी। संयुक्त दल में संरक्षण अधिकारी अनुज जैन, विपिन गुप्ता और चाइल्ड लाइन धार समन्यवक राहुल पटेल, ललिता गुर्जर, राजाराम अवास्या और तिरला थाना से प्रधान आरक्षक डीएस जमरा मौजूद थे।