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टेलर का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड में दर्ज

अनवरत 24 घंटे बिना किसी ब्रेक के टेलर ने बनाया रेकॉर्ड

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टेलर का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड में दर्ज

टेलर को सर्टिफिकेट प्रदान करते विश्नोई।

बदनावर. संजोग गार्डन में ओमप्रकाश टेलर ने रविवार को इतिहास रच दिया। बिना किसी ब्रैक के अनवरत 24 घंटे माता-पिता को सिखाया आज के समय में बच्चों की परवरिश कैसे की जाए। यह कार्यशाला दुनिया की सबसे लंबी कार्यशाला होने के कारण बदनावर और टेलर का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।
कार्यशाला में टेलर ने अभिभावकों को सिखाया की बच्चों का मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक विकास कैसे किया जाए। बच्चों की साइकोलॉजी, प्रकृति, क्षमताओं, उनकी भावनाओं, आदतों और व्यवहारों को लेकर किए गए 12 वर्षों के अध्ययन की जानकारी दी। कार्यशाला की खास बात यह रही कि टेलर ने बगैर कुछ खाए-पीए उन्होंने इसमें भाग लिया। कार्यशाला में प्रवीण चावला, अर्जुन पडिहार, कमल पाटीदार, राहत उल्ला, राहुल बफना, मोहनलाल पाटीदार, देवेंद्र पंवार, सईद शाह पेंटर, दीपक सिर्वी, मुकेश पाटीदार, वासुदेव पाटीदार, प्रतीक पाटीदार, संदीप पंवार, प्रदीप पंवार आदि का योगदान रहा। कार्यशाला के दौरान वल्र्ड रिकार्ड टीम के सदस्य मनीष विश्नोई, डॉ. प्रियांक बाठिया व वेदांश शर्मा मौजूद रहे। अंत में टेलर को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।

इस तरह चला सेशन
तीन सेशन में कार्यशाला हुई। पहला सेशन आठ घंटे चला। इसमें अभिभावकों को गलतियों के बारे में बताया।
दूसरा सेशन बच्चे की गर्भ से लेकर युवावस्था तक के विकास के प्रत्येक पढ़ाव को लेकर था। यह सेशन 12 घंटों तक चला।
इसके बाद चार घंटे तक बच्चों को नशे और सोशल मीडिया का एडिक्ट होने से बचाव के तरीके बताए। टेलर ने कार्यशाला के दौरान रोचक व प्रभावशाली परवरिश के तरीके बताए।
शनिवार सुबह 8.41 बजे कार्यशाला शुरू हुई, जिसका समापन रविवार सुबह 8.41 बजे हुआ।
मैंने आज तक ऐसे प्रोग्राम का आयोजन होते हुए कहीं नहीं देखा, जो ओमप्रकाश ने बिना खाना खाए अपने विषय पर इतनी मजबूत पकड़, शास्त्र विज्ञान और मनोविज्ञान का समन्वय प्रस्तुति किया। देश-विदेश में रिकॉर्ड अटेंड किए पर यह रिकॉर्ड एक इतिहास है।
मनीष विश्नोई, हेड ऑफ गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड एशिया