
Welcome to Mandu Festival 2021
धार। मध्यप्रदेश का प्राचीन नगर मांडू दुनिया भर में पर्यटकों को हमेशा से ही लुभाता रहा है। यही कारण है कि पर्यटन विभाग ने शनिवार से मांडू उत्सव का आयोजन किया है। यहां दो दिन के उत्सव का लुत्फ लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक उमड़ने लगे हैं। पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी इस आयोजन में भाग ले रही हैं। मांडू शहर के तितली पार्क व रूपायन कार्यक्रम के लिए भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच गए हैं। यहां का प्रमुख आकर्षण जहाज महल, रानी रूपमति महल, बाज बहादुर का महल, अशर्फी महल, होशंगशाह का मकबरा, जमा मस्जिद, लोहानी गुफाएं, नीलकंठेश्वर महादेव, गदाशाह की दुकान, तबेली महल, इको प्वाइंट जैसे स्थान हैं, जहां आपको जरूर जाना चाहिए। और तो और बच्चों के लिए यहां डायनासोर के अंडे भी देखने को मिल जाएंगे।
मांडू महोत्सव में ट्रेजर हंट के जरिए मांडू की प्राचीन खासियतें पर्यटकों को देखने को मिलेंगी, तो हर दिन योग और साइकिलिंग असली देसीपन का भी अहसास होगा। प्राकृतिक वादियों से घिरे इस पर्यटन स्थल पर गीत-संगीत जब गूंजेगी तो लोगों को उस दौर के संगीत की धुनों का भी अहसास कराया जाएगा। निमाड़-मालवा, आदिवासी क्षेत्र की संस्कृति, व्यंजन और वेशभूषा का भी लुत्फ लोग ले पाएंगे।
600 साल पुराना रेन वाटर हार्वेस्टिंग
जहाज महल की जल संरचनाएं आज भी शोध का विषय हैं। 600 साल पहले भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग होता था। भुंज तालाब और कपूर तालाब का अंडर ग्राउंड कनेक्शन हैं। रहट विधि से पानी महल में बने स्विमिंग पूल में जाता था। प्राचीन काल में मांडू में लगभग 700 जल स्रोत थे। मुगल शासक जहांगीर ने 1617 में 42वां जन्मदिन यहीं मनाया था। वे पत्नी नूरजहां के सासथ जहाज महल में सात माह तक रहे थे।
13 फरवरी के आकर्षण
शुभारंभ के बाद ग्रामीण पर्यटन का अनुभव, पर्यटन सभा, पर्यटन की प्रस्तुति व मांडू वॉक का आयोजन। शाम 6.30 बजे आर्ट गैलेरी का शुभारंभ होगा। शाम 7.30 बजे से कलाकारों की प्रस्तुति। रात 8 बजे करीब कैफे बैंड की प्रस्तुति होगी।
14 फरवरी के आकर्षण
सुबह 7 बजे हॉर्स राइडिंग-फिशिंग, योग,साइकिलिंग, मांडू हेरिटेज वॉक। सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम। शाम 7.30 बजे मुक्त बैंड की प्रस्तुति।
15 फरवरी के आकर्षण
सुबह 7 बजे से पर्यटकों के लिए हॉर्स राइडिंग और फिशिंग कार्यक्रम का आयोजन। सुबह 10.30 बजे मांडू के धरोहर की सैर का आयोजन।
यह भी है खास
बाजबहादुर-रानी रूपमती
मांडू नगर में बाज बहादुर का महल भी आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां के झरोखे से रानी रूपमती महल का नजारा देखा जा सकता है। दुनियाभर में बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी चर्चित रही है।
हिंडोला महल
जहाज महल के करीब ही हिंडोला महल भी है, जो अपनी अद्भुत कारीगरी के लिए भी लोगों को आकर्षित करता है। इसकी बाहरी दीवारें ऐसी झुकी हुई सी नजर आती है, जो झूले की तरह दिखती है इस कारण इसे हिंडोला महल कहा जाता है। सैकड़ों सालों से इसकी इमारत आज भी मजबूती के साथ टिकी हुई है।
रानी रूपमती की छतरी
बाजबहादुर महल से नजर आने वाला महल रानी रूपमती का महल है, जिसकी छतरी में से रानी रूपमती नर्मदा का दर्शन करती थी। खास बात यह है कि बाज बहादुर ने रानी रूपमती के लिए ही यह महल मांडू की सबसे ऊंची चोटी पर बनवाया था। क्योंकि रानी की शर्त थी कि वो हर दिन मां नर्मदा का दर्शन करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती थीं।
Published on:
13 Feb 2021 11:54 am
बड़ी खबरें
View Allधार
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
