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कलेक्टर ने किसकी ली क्लास

कलेक्टर ने ली विद्यार्थियों की क्लास, अनुभव भी साझा किए

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धार

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Arjun Richhariya

Aug 31, 2018

कलेक्टर ने ली विद्यार्थियों की क्लास, अनुभव भी साझा किए

कलेक्टर ने ली विद्यार्थियों की क्लास, अनुभव भी साझा किए


आपको स्कूल और छात्रावास में किसी प्रकार की समस्या तो नहीं है...
- कलेक्टर ने ली विद्यार्थियों की क्लास, अनुभव भी साझा किए
पत्रिका लाईव
धार.
मिल बांचे कार्यक्रम क्यों किया जा रहा है इसके बारे में आपको जानकारी है...,आप सुबह कितने बजे उठते हो और स्कूल कितनी बजे तक पहुंचते है..., आपको स्कूल और छात्रावास में किसी प्रकार की समस्या तो नहीं है...। कुछ इसी तरह की बात कलेक्टर ने विद्यार्थियों से पूछी।
शुक्रवार को कलेक्टर दीपक सिंह मिल बांचे कार्यक्रम के अंतर्गत शासकीय स्कूल ब्रह्माकुंडी पहुंचे। यहां पर सुबह ११ बजे कलेक्टर सिंह ने कक्षा सातवीं, आठवीं और नवमीं के विद्यार्थियों को पढ़ाया। कलेक्टर सभी विद्यार्थियों से पहले उनका रूटिन पूछा। इसके बाद उन्होंने विद्यार्थियों से कुछ प्रश्न भी पूछे, जिसका विद्यार्थियों ने बेफ्रिक होकर जवाब दिया। कलेक्टर सिंह ने विद्यार्थियों को शरीर के अंगों के बारे में बताया। इसके साथ ही अपने पूर्वज कौन थे उसकी जानकारी भी विद्यार्थियों को बताई। कलेक्टर ने इमोशनल का पाठ भी उदाहरण देकर बखूबी तरीके से विद्यार्थियों को बताया। कलेक्टर ने पूछा कि आप सभी चाल्र्स की थ्योरी के बारे में पता है..., जब छात्र इस पर उत्तर नहीं दे पाए तो कलेक्टर सिंह ने चाल्र्स की थ्योरी पर प्रकाश डाला।
मैं भी शहडोल का ही हूं
कलेक्टर ने जब विद्यार्थियों ने अपने अनुभव बताने के लिए कहा। इस दौरान छात्र प्रेम रावल ने अपने अनुभव बताए। छात्र ने कहा कि मैं अभी हाल ही में बेटमिंटन टूर्नामेंट खेलने शहडोल गया था। आपको पता है मैं भी शहडोल का हूं। फिर छात्र से पूरे टूर्नामेंट की जानकारी ली। इसके साथ ही अन्य विद्यार्थियों ने उनके अनुभव कलेक्टर के सामने रखे। ब्रह्माकुंडी स्कूल की प्राचार्य ने अपने अनुभव छात्रों के साथ साझा करते हुए बताया कि जब वे सरदारपुर कन्या विद्यालय में पदस्थ थी तब ११ वीं की कक्षा में बायो विषय लेने के लिए एक छात्रा आई और उसके प्रतिशत कम होने के चलते वह मेरे पास आई। मैंने जैसे-तैसे करके उसका एडमिशन करवा लिया। इसके बाद मेरा प्रमोशन हुआ और मैं ब्रह्माकुंडी स्कूल में प्राचार्य के पद पर पदस्थ हुई। एक दिन की बात है कि मैं कक्ष में बैठी और एक पोस्ट मेन आया है और उसने मुझसे कहा कि आपने मुझे पहचाना तो प्राचार्य ने कहा पहचाना तो जरूर लिया है। पोस्टमेन ने कहा कि आपनी मेरी बच्ची का एडमिशन करवाया था और अब वह डॉक्टर बन गई है। यह सुनकर मुझे काफी खुशी हुई।
रेडियो की व्यवस्था
मुख्यमंत्री सीहोर जिले के लाडकुई के मिडिल स्कूल से बच्चों से संवाद भी किया। इसका लाईव टेलिकॉस्ट के लिए ब्रह्माकुंडी स्कूल में टीवी और सेटअप बॉक्स की भी व्यवस्था की थी। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम डीडीएमपी चैनल सेटअप बॉक्स पर नहीं चल रहा था। इस दौरान यहां पर मौजूद स्टॉफ ने रेडियो की व्यवस्था भी कर रखी थी। इस दौरान एक व्यक्ति रेडियो की फिक्वेंसी मिलता रहा। इस दौरान एक न्यूज चैनल पर डीडीएमपी चैनल से मुख्यमंत्री का लाईव टेलिकॉस्ट कलेक्टर सिंह, जिलाशिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा ने देखा। इस अवसर एपीसी कमल ठाकुर, स्कूल शिक्षा के सहायक संचालक जयंत जोशी भी मौजूद थे।