20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

12 में से इन 7 ज्योतिर्लिंगों का पंचामृत से भूलकर भी नहीं करें अभिषेक

ऐसी मान्यता है की इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से 7 ऐसे हैं जिनका भूलकर भी पंचामृत से अभिषेक नहीं करना चाहिए। जानें वे 7 कौन-कौन से ज्योतिर्लिंग है।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Jul 22, 2019

7 Jyotirlinga Abhishek : Never do Abhishek from Panchmrta

12 में से इन 7 ज्योतिर्लिंगों का पंचामृत से भूलकर भी नहीं करें अभिषेक

सावन का पवित्र महीना चल रहा हैं और शिव भक्त शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह से शिव पूजा में लीन है। हिन्दुस्तान में भगवान शिव मुख्य रूप से कुल 12 सिद्ध ज्योतिर्लिंग ( Jyotirlinga Abhishek ) हैं जहां आदि देव भगवान महादेव ज्योति रूप में साक्षात विरामान रहते हैं। ऐसी मान्यता है की इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से 7 ऐसे हैं जिनका भूलकर भी पंचामृत से अभिषेक नहीं करना चाहिए। जानें वे 7 कौन-कौन से ज्योतिर्लिंग है।

सावन के पहले सोमवार शाम 4 से 6 के बीच ऐसे करें भगवान शिव का अभिषेक, होगी धन प्राप्ति, मिलेगी कर्ज से मुक्ति

देश में 12 में से 7 ज्योतिर्लिंग ऐसे हैं जहां पर शिव भक्त शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक नहीं करते, इन शिव ज्योतिर्लिंगों केवल निर्धारित पुजारी ही अभिषेक कर सकते हैं।
1- ओंकारेश्वर
2- घृष्णेश्वर
3- त्र्यंबकेश्वर
4- भीमाशंकर
5- मल्लिकार्जुन
6- केदारनाथ
7- सोमनाथ

उपरोक्त 7 ज्योतिर्लिंगों का पंचामृत से कभी भी अभिषेक नहीं किया जाता।

घर के सारे क्लेश होंगे दूर, सावन में इतनी बार जप लें यह मंत्र

इनके अलावा 5 में से 3 ज्योतिर्लिंग हैं जहां पंचामृत से अभिषेक किया जाता है और वे है-
1- काशी विश्वनाथ
2- रामेश्वरम
3- नागेश्वर
हर ज्योतिर्लिंग का भारतीय हिन्दू धर्म ग्रंथों, शास्त्रों और वेदों में अपना-अपना अलग-अलग महत्व और वर्णन है।

सुख संपत्ति, धन वैभव की हर कामना होगी पूरी, सावन में सुबह शाम करें इस शिव स्तुति का पाठ

1- गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला माना जाता है। ऋग्वेद में इसका उल्लेख मिलता है की इस शिवलिंग की स्थापना चंद्रदेव ने की थी।
2- मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल नाम के पर्वत पर स्थित है, इसे कैलाश पर्वत के समान ही माना जाता है।
3- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश में नर्मदा किनारे मान्धाता पर्वत पर स्थिति है, यह ज्योतिर्लिंग ऊं के आकार में है।
4- विश्वनाथ शिवलिंग काशी में स्थित है, मान्यता कहती है कि हिमालय को छोड़कर भगवान शिव ने काशी में ही अपना स्थायी निवास बताया था।
5- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथ पुरम में स्थित है, लंका विजय से पहले भगवान श्रीराम ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी।

**************