
नई दिल्ली। साईंबाबा जिन्हें शिरडी साईंबाबा भी कहा जाता है एक भारतीय गुरु , योगी और फकीर थे जिन्हें उनके भक्तों द्वारा संत कहा जाता है। उनके सत्य नाम, जन्म, पता और माता पिता के संदर्भ में कोई सूचना उपलब्द्ध नहीं है। जब उन्हें उनके पूर्व जीवन के संदर्भ में पुछा जाता था तो टाल-मटोल उत्तर दिया करते थे। साईं शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिरडी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला। साईं बाबा से जुडी आस्था के आगे आज दुनिया नतमस्तक है। भक्तों को विश्वास है की जो भी साईं बाबा के ऊपर विश्वास करता है बाबा उसका कल्याण जरूर करते हैं। इनकी भक्तों में हर धर्म और प्रांत के लोग है, इस आष्टा में हिन्दू मुस्लिम का भेदभाव नहीं है। आईये आपको बताते है साई बाबा से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिनके बारे में जानकार आपकी आस्था और बढ़ जाएगी।
1.शिरडी साईं संस्थान दुनिया के सबसे वैभवशाली मंदिरों में से एक है। यही नहीं भारत की तरह अमेरिका, ब्रिटेन, पाकिस्तान और हांगकांग में भी साईं बाबा के मंदिर है।
2. माना जाता है साई बाबा ने जीवन भर जरुरत मंदों की सेवा की जिसे लोग चमत्कार भी कहते है। बाबा की सेवा में कोई दिखावा नहीं था पर उनके नेक कामों ने हर किसी के दिल में उनके लिए श्रद्धा भाव जाग्रत की।
3. कोई नहीं जानता की साई बाबा किस धर्म के थे, कुछ लोग उन्हें हिंदू भगवान् नहीं मानते क्योंकि उनकी वेशभूषा उन्हें हिंदू भगवानों से अलग बनाती है।
4. साई बाबा का असली नाम किसी को नहीं पता। लोग उनके उनके उपदेशों और समाज सेवा में बिताये गए जीवन के लिए याद करते है। साई बाबा ने फकीरों के रूप में अपना जीवन बिताया।
5. लोगों का ये भी मानना है की साई बाबा एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए पर उनका 5 साल तक पालन पोषण एक फ़कीर ने इस्लामिक आस्था के साथ किया।
6. साई बाबा ने शिरडी के करीब एक नीम के पेड़ के नीचे 5 साल बिताये, इस दौरान उन्होंने जंगलों में सन्यासी का जीवन बिताया।
7. माना जाता है साई बाबा के लिए परमात्मा एक थे, जिस वजह से वो मंदिरों में अल्लाह के बारे में गाते थे और मस्जिदों में भजन सुनाते थे।
8. उनके बारे में कई किस्से मशहूर है जो आस्था का विषय है और आज भी लोग अगर उनसे दिल से किसी चीज के लिए प्रार्थना करते है तो वह जरूर पूरा होती है।
दास गनु के अनुसार उनका बाल्यकाल पथरी ग्राम में एक फकीर और उनकी पत्नी के साथ गुजरा।[1] लगभग सोलह वर्ष की आयु में वो अहमदनगर, महाराष्ट्र के शिरडी ग्राम में पहुंचे और मृत्यु पर्यंत वहीं रहे। शिरडी का मंदिर कलश प्रसिद्ध है।
Published on:
16 Feb 2018 08:33 am
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