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अनन्त चतुर्दशी : व्रत रखकर इस विधान से पूजा कर, अनंत धागे को धारण करने से हो जाती है मनोकामना पूरी

Anant Chaturdashi 2019 : Vrat Puja Vidhi : इस दिन व्रत रखकर स्त्री-पुररूष विशेष अनंत धागे धारण करते है जिससे सभी परेशानियों से रक्षा होती है। जानें अनंत चतुर्दशी व्रत पूजा विधि एवं महत्व।

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भोपाल

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Shyam Kishor

Sep 09, 2019

अनन्त चतुर्दशी : व्रत रखकर इस विधान से पूजा कर, अनंत धागे को धारण करने से हो जाती है मनोकामना पूरी

अनन्त चतुर्दशी : व्रत रखकर इस विधान से पूजा कर, अनंत धागे को धारण करने से हो जाती है मनोकामना पूरी

भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनन्त चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की विशेष पूजा की जाता है। इस दिन व्रत रखकर स्त्री-पुररूष अनंत कपास से बने धागे को धारण करते है जिससे सभी परेशानियों से रक्षा होती है। इस साल यह पर्व 12 सितंबर दिन गुरुवार को है। इसी दिन 10 दिवसीय गणेश उत्सव का समापन भी होता है। जानें अनंत चतुर्दशी व्रत पूजा विधि एवं महत्व।

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अनंत चतुर्दशी व्रत का विधान

अनन्त चतुर्दशी का व्रत-पूजन किसी नदी या फिर तालाब के तट पर करने से पूजा का अनंत गुना अधिक लाभ मिलता है। पूजा के बाद भगवान श्री हरि की कथा का पाठ या श्रवण किया जाता है और श्रीभगवान से प्रार्थना की जाता है कि- हे वासुदेव, इस अनन्त संसार रूपी महासमुद्र में डूबे हुए लोगों की रक्षा करो एवं उन्हें अनन्त के रूप का ध्यान करने में संलग्न करो, हे अनन्त रूप वाले महाप्रभु आपको बार-बार नमस्कार है। इस दिन श्री सत्यनारायण की कथा का पाठ भी करना चाहिए।

अनंत रक्षा कवच

अनन्त चतुर्दशी के दिन पुरुष दाहिने हाथ में एवं स्त्रियां बांए हाथ में अनन्त कपास या रेशम के धागे चौदह गठान वाले लाल रंग में रंगे रक्षा कवच के रूप में धारण करते हैं। 'अग्नि पुराण' अनंत चतुर्दशी के दिन दर्भ से बनी श्रीहरि की प्रतिमा को कलश पर स्थापित कर विशेष पूजा की जाती है। व्रती इस दिन धान के आटे की रोटियां बनाकर पूजा के बाद आधी किसी ब्राह्मण को देकर आधे भाग को स्वयं ग्रहण करते हैं, इससे परम पुण्य की प्राप्ति होती है।

भगवान विष्णु का पूजन

अनंत चतुर्दशी के दिन कुश के अनन्त बनाकर वंदना करते हुए उसमें भगवान विष्णु का आह्वान करते हुए हल्दी, कुमकुम अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजन करें। पूजन में भगवान के सामने चौदह गठान वाले अनन्त धागे को रखकर उसका भी लाल कुमकुम से पूजन करें। पूजन के बाद उस अनन्त धागे को विवाहित स्त्री अपनी बाएं हाथ एवं पुरूष अपने दाएं हाथ की कलाई पर रक्षा कवच के रूप में बांध लें।

इस व्रत से होती है मनोकामना पूरी

अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखकर भगवान श्री हरी का पूजा करने से धन प्राप्ति, संतान, पुत्र आदि की मनोकामना पूरी हो जाती है। अनन्त चतुर्दशी के दिन हाथ में बंधे पुराने कलावें को बदलकर नये अनंत कलावे धागे को धारण किया जाता है। इस दिन किसी सतपथ वेदपाठी ब्राह्मण या जरूरत मंद गरिबों को दान करने से जीवन में आने वाली बाधाओं से रक्षा होती है।