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सावन के पहले मंगलवार को हैं अंगारक चतुर्थी, इस शुभ संयोग पर करें गणेशजी की विशेष पूजा

अंगारक चतुर्थी पर ऐसे करें विघ्नहर्ता श्री गणेश का पूजन

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Shyam Kishor

Jul 31, 2018

sankashti chaturthi

सावन का पहला मंगलवार आज हैं अंगारक चतुर्थी, इस शुभ संयोग पर करें गणेशजी की विशेष पूजा

हिन्दू धर्म के शास्त्रों में अंगारक चतुर्थी को अद्भुत फल प्रदान करने वाला बताया गया हैं, इसे व्यक्ति के जीवन के समस्त कष्टों का निवारण करने वाली संकष्टी गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता हैं, और इसका बहुत महत्व भी है । कहा जाता हैं कि संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से चन्द्रोदय होने तक उपवास रखना चाहिए । हर माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता हैं । इस दिन भगवान गणेश की आराधना सुख-सौभाग्य की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती हैं । अगर विधि विधान से इसका व्रत किया जाये तो सभी संकटों से मुक्ति मिलती है । सावन के पहले मंगलवार को हैं अंगारक चतुर्थी, इस शुभ संयोग पर करें गणेशजी की विशेष पूजा ।

इस तरह करें संकष्टी गणेश चतुर्थी पर पूजन

1- चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ धुले हुए लाल रंग के वस्त्र पहने ।

2- श्रीगणेश जी की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर करके कुशा के आसन पर बैठे ।

3- भगवान गणेश का पंचामृत से स्नान करने के बाद- धूप-दीप, दुर्वा, फल, फूल, रोली, मौली, अक्षत, आदि से पूजन करें ।

4- पूजन के बाद श्री गणेश जी को तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग भी लगाएं, और 'ॐ सिद्धि बुद्धि सहित महागणपति को दंडवत नमस्कार करें ।

5- शाम के समय में व्रत करने वाले जातक संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा का पाठ करें या तो किसी के द्वारा श्रवण करें ।

6- संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चन्द्र दर्शन करके गणेश पूजन करने के बाद गणेशजी की आरती भी करें ।

7- विधिवत गणेश पूजा करने के बाद श्रीगणेश मंत्र- 'ॐ गणेशाय नम:' या 'ॐ गं गणपतये नम: मंत्र की एक माला (यानी 108 बार गणेश मंत्र का) जाप अवश्य करें । संकष्टी चतुर्थी के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान जरूर करें ।