
भड़ली नवमी गुप्त नवरात्रि का महत्व
Bhadli Navami 2024: आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी यानी गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि कई नामों से जानी जाती है। इसे भड़ली नवमी, भड़रिया नवमी, भड़ल्या नवमी, भदरिया नवमी, भटली नवमी, कंदर्प नवमी आदि नामों से जानी जाती है। देवी पूजा का दिन होने से यह एक अबूझ मुहूर्त है। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी यानी गुप्त नवरात्रि नवमी पर किसी अच्छे काम के लिए कोई शुभ मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। इस दिन विवाह दंपती के लिए सौभाग्य और दिव्य आशीर्वाद वाला होता है।
भड़ली नवमी तिथि शादी और विवाह के लिए शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल नवमी यानी भड़ली नवमी पर काम शुरू करने से पूरे जीवन उसमें बाधा नहीं आती। इस दिन गुप्त नवरात्रि का भी विश्राम होता है। इस दिन माता की पूजा से यह दिन बेहद शुभ होता है। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की पूजा समेत अन्य धार्मिक कार्य करने का विधान है। भड़ली नवमी पर शुभ योग में भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है।इसलिए यह अबूझ मुहूर्त और विशेष बन गया है।
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इसके अलावा इस साल भड़ली नवमी पर शिववास अनुकूल है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। इस समय में शिव परिवार की पूजा कर शुभ कार्य कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में भड़ली नवमी का बहुत महत्व है। शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों को किसी कारण विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है, वे इस दिन विवाह कर सकते हैं। भड़ली नवमी के बाद से चर्तुमास शुरू हो जाता है, जिसके बाद अगले 4 महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसलिए इस दिन विवाह का अच्छा समय होता है।
Updated on:
08 Jul 2024 04:16 pm
Published on:
08 Jul 2024 04:13 pm
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