
भूतड़ी अमावस्या 8 अप्रैल 2024
ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन नकारात्मक शक्तियां उग्र रहती हैं। मान्यता है कि चैत्र अमावस्या यानी भूतड़ी अमावस्या के दिन ऐसे व्यक्ति जिनकी अकाल मृत्यु हुई है, यानी अतृप्त आत्माएं किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर अपनी इच्छाएं पूरी करने की कोशिश करती हैं। आज के दिन उग्र आत्माएं अक्सर कमजोर व्यक्ति के शरीर को अपना शिकार बनाने में सफल हो जाती हैं। इसलिए इसे भूतड़ी अमावस्या कहते हैं। इस बार भूतड़ी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी है, इस समय राहु उग्र होता है, जिससे यह संयोग घातक बन रहा है। इसलिए इस दिन सतर्क रहना चाहिए।
ज्योतिषियों के अनुसार यह दिन रूठे भूतड़ी अमावस्या के दिन रूठे पितरों को मनाना चाहिए। इस दिन श्राद्ध और तर्पण से उनको प्रसन्न कर शांत किया जा सकता है। पितरों को मोक्ष की प्राप्ति और सद्गति के लिए अमावस्या का व्रत रखना चाहिए। इस व्रत से व्रतधारी को अमोघ फल भी मिलता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा भी रक्षक होती है।
भूतड़ी अमावस्या पर पितरों की प्रसन्नता के लिए दान-पुण्य करना चाहिए, इस दिन अन्न, गौ, स्वर्ण और वस्त्र दान करना चाहिए।
गंगा नदी, जलाशय कुंड में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करें। साथ में पूर्वजों के नाम पर कपड़े, चप्पल, मिठाई दान करना चाहिए।
पितरों के श्राद्ध के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराएं।
पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत जरूर रखना चाहिए।
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और शनि देव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं।
1. विष्णु कवच का 108 बार पाठ करना चाहिए।
2. देवी कवच का भी 108 बार पाठ करें।
3. भूतड़ी अमावस्या के दिन दान पुण्य करें।
4. गरुण पुराण का भी पाठ करना लाभदायक होता है।
5. भगवान शिव की पूजा सभी नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करेगी।
Updated on:
07 Apr 2024 06:23 pm
Published on:
05 Apr 2024 01:34 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
