
सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024
Somvati Amavasya 2024 : हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, स्नान-दान का महत्व है, पितृ पूजन, श्राद्ध किया जाता है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने से इसका और भी महत्व बढ़ गया है। हालांकि 8 अप्रैल सोमवार को यहां ग्रहण न दिखने से सूतक काल मान्य नहीं होगा। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन पूजा से कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। 8 अप्रैल को स्नान का शुभ समय सुबह 4.55 से 6.30 बजे तक करना अच्छा रहेगा। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या के उपाय
1. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो इसके अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और पितरों का तर्पण भी करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं, पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। आर्थिक तंगी भी दूर होती है।
2. सोमवती अमावस्या के दिन शाम के समय ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं और इसे बुझने न दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि इस उपाय से घर में धन वैभव और समृद्धि आती है।
3. सोमवती अमावस्या के दिन शिव परिवार और माता लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
4. अमावस्या के दिन स्नान दान और पूजा-पाठ के बाद मछलियों को चारा खिलाने (आटे की छोटी-छोटी गोलियां) इससे कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
5. कुंडली में कालसर्प दोष है तो आज के दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा करानी चाहिए, साथ ही चांदी के नाग का जोड़ा नदी में बहाना चाहिए। इससे समस्या का समाधान होता है।
चैत्र कृष्ण अमावस्या यानी सोमवती अमावस्या की तारीखः सोमवार 8 अप्रैल
अमावस्या का आरंभः 8 अप्रैल सुबह 03:21 बजे
अमावस्या का समापनः 8 अप्रैल रात 11:50 बजे
सूर्योदयः सुबह 06:06 बजे
सूर्यास्तः शाम 06:39 बजे
चंद्रास्तः शाम 06:21 बजे
शुभ योगः इंद्र, शाम 06:14 बजे तक
Updated on:
08 Apr 2024 09:00 am
Published on:
04 Apr 2024 09:16 pm
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