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मनवांछित फल की पूर्ति के लिए इस विधान से करना चाहिए बृहस्पतिवार का व्रत

बृहस्पतिवार का व्रत करता सभी इच्छाओं की पूर्ति

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Shyam Kishor

Aug 30, 2018

brihaspativar vrat

मनवांछित फल की पूर्ति के लिए इस विधान से करना चाहिए बृहस्पतिवार का व्रत

ऐसी मान्यता हैं कि बृहस्पतिवार के दिन जो भी स्त्री-पुरुष व्रत उपवास करते हैं उनकी फल स्वरूप सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है । इस दिन व्रत में एक ही समय भोजन करना चाहिए और वह भी अस्वाद यानी की बिना नमक शक्कर के । इस दिन भगवान बृहस्पतेश्वर की विशेष पूजन किया जाता है । अगर कोई जातक इस दिन के व्रत को पूर्ण श्रद्धा और विधि विधान से करता हैं उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होकर ही रहती हैं । जाने बृहस्पतिवार का विधि विधान ।

इस दिन चने की पीली दाल का प्रयोग करना चाहिए, पीले वस्त्र पहनना चाहिए, पीले ही फलों का प्रयोग करना चाहिए, भगवान का पीले चन्दन से पूजन करना चाहिए, परन्तु नमक और संभव हो सके तो शक्कर भी नहीं खाना चाहिए, पूजन के बाद एकाग्रता के साथ गुरु गीता का पाठ या बृहस्पति महाराज की कथा सुननी चाहिए । इस व्रत को करने से मन में उठने वाली सभी भौतिक इच्छाएं पूरी जा होने का साथ धन, पुत्र, विद्या, परिवार में सुख शान्ति मिलती है । इसलिए इस व्रत को सब स्त्री व पुरुषों के लिए सर्वश्रेष्ठ और अति फलदायक माना गया है । इस व्रत में खासकर केले का पूजन करने का विधान हैं ।

पूजन सामग्री


- विष्णु भगवान की मूर्ति, केले का पेड़, पीले फूल, चने की दाल, गुड़, मुन्नका, हल्दी का चूर्ण, कपूर, शुद्ध जल, गंगाजल, धूप, घी का दीपक, आचमनी पात्र आदि ।

अब इन सभी पूजन सामग्रीयों से भगवान बृहस्पतेश्वर का विशेष पूजन करें । सबसे पहले अगर बृहस्पति महाराज की मूर्ति हैं तो उसे थोड़े से शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर मूर्ति का स्नान कर लें । स्नान के बाद उपरोक्त सभी सामग्रियों को एक एक करके भगवान को अर्पित करें । उक्त सभी सामग्रियों को चढ़ाने के बाद गाय के घी का दीपक जलाकर भगवान बृहस्पतेश्वर की आरती करें । इस प्रकार श्रद्धा पूर्वक किए गये पूजन से प्रसन्न होकर भगवान बृहस्पतेश्वर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं ।