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Chandra Darshan 2024: चंद्र दर्शन का क्या है धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व, जाने शुभ तिथि और पूजा विधि

Chandra Darshan 2024: मार्गशीर्ष माह कई मायनों में खास माना जाता है। इस माह में चंद्र दर्शन का दर्शन का विशेष पुण्यकारी माना गया है। मान्यता है कि इस पवित्र दिन पर चंद्रमा के दर्शन करने से साधक के जीवन में शांति और शीतलता आती है। वहीं सभी मनोकामना पूरी होती हैं।

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जयपुर

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Sachin Kumar

Nov 18, 2024

Chandra Darshan 2024

जानिए मार्गशीर्ष माह में चंद्र दर्शन का महत्व।

Chandra Darshan 2024: चंद्र दर्शन का क्या है धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व, जाने शुभ तिथि और पूजा विधि

Chandra Darshan 2024: हिंदू धर्म में चंद्र देव को मन का कारक माना गया है। मान्यता है चंद्र देव की विधि-विधान से पूजा करने से साधक को मानसिक शांति मिलती है। इसके साथ ही चंद्र देव भगवान की असीम कृपा प्राप्त होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चंद्र दर्शन 3 दिसबंर 2024 को दिन मंगलवार होंगे। आइए जानते हैं इस पवित्र दिन धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व और पूजा विधि।

चंद्र दर्शन का महत्व (Chandra Darshan Ka Mahatv)

धार्मिक मन्यताओं के अनुसार चंद्र दर्शन का भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस दिन उपवास रखते हैं और शाम में चन्द्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलते हैं। धार्मिक ग्रन्थों में चंद्रमा को शांति, समृद्धि, और मानसिक संतुलन का प्रतीक बताया गया है। चंद्र दर्शन का पवित्र दिन हर माह की अमावस्या के अगले दिन पड़ता है। चंद्रमा पहली बार अपनी रोशनी से रात्री को जगमग करता है। तब इस शुभ अवसर पर चंद्र दर्शन करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्रमा की रोशनी शरीर के मस्तिष्क और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। चंद्रमा की किरणें हमारे मन को शांत करती हैं और मानसिक तनाव से मुक्त करती हैं। इसलिए चंद्र दर्शन को मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है।

चंद्र दर्शन का शुभ समय (Chandra Darshan Ka Shubh Samay)

चंद्र दर्शन के लिए विशेष रूप से मार्गशीर्ष माह की अमावस्या के अगले दिन किए जाएंगे। अंग्रेजी कलैण्डर के अनुसार 3 दिसबंर 2024 को दिन मंगलवार को पवित्र चंद्र दर्शन होंगे। इस तिथि पर चंद्र दर्शन का शुभ समय शाम के 05:24 से 06:56 बजे तक रहेगा।

चंद्र दर्शन पूजा विधि (Chandra Darshan Puja Vidhi)

चंद्र दर्शन की पूजा विधि सरल और प्रभावी होती है। इस दिन चंद्रमा की पहली झलक देखने के बाद विशेष रूप से कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।

इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। घर की साफ-सफाई करें और पूजा स्थान को भी गंगा जल से साफ करें।

संध्या वंधन के समय चंद्रमा के उदय होने के बाद घर की छत या आंगन में जाकर धूप-दीप जलाएं। इसके बाद चंद्रमा को जल अर्पित करें।

चंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें। यह मंत्र मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होता है।

चंद्र दर्शन के समय चंद्रमा को सफेद मिठाई, खीर या चावल का भोग लगाएं। इसके बाद परिवार के साथ प्रसाद का ग्रहण करें।

चंद्रमा की ओर मुख करके तीन बार परिक्रमा करें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

चंद्र दर्शन दोनों स्थितियों में जरूरी (Chandra Darshan Dono Sthitiyon Me Jaruri)

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक चंद्र दर्शन की परंपरा सदियों पुरानी है। यह धार्मिक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही स्थितियों में महत्वपूर्ण है। इस दिन पूजा-अर्चना और व्रत करने से मन की शांति, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है। इसलिए इस पवित्र दिन पर चंद्र दर्शन का लाभ अवश्य उठाएं।

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