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Das Mahavidya Mantra: ये हैं दस महाविद्या के मूल मंत्र, इनके जाप से मिलती है हर सिद्धि

Das Mahavidya Mantra: गुप्त नवरात्रि में मां पार्वती के दस गुणों यानी दस महाविद्या की पूजा की जाती है। इनके अनेक मंत्र हैं, जिनके पाठ से मां का आशीर्वाद और हर सिद्धि प्राप्त होती है। यहां पढ़िए सभी दस महाविद्या के मूल मंत्र...

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Das Mahavidya Mantra

Das Mahavidya Mantra: ये हैं दस महाविद्या के मूल मंत्र, इनके जाप से मिलती है हर सिद्धि

महाविद्या मंत्र

  1. काली मंत्रॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिका क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
  2. तारा मंत्रॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्॥
  3. त्रिपुर सुंदरी या षोडशी मंत्रॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
  4. भुवनेश्वरी मंत्रह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:॥
  5. भैरवी मंत्रॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा॥
  6. छिन्नमस्ता मंत्रश्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा॥
  7. धूमावती मंत्रऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा॥
  8. बगलामुखी मंत्रॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः॥
  9. मातंगी मंत्रॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा॥
  10. कमला मंत्रॐ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः॥

दस महाविद्या की प्रार्थना से भोग और मोक्ष की प्राप्ति

दस महाविद्या की प्रार्थना बेहद विशेष है धर्म ग्रंथों के अनुसार अनेक कर्म करते हुए जब हमें कर्मानुसार भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति नहीं होती तब मन दुखी हो जाता है। इससे चित्त भटकने लगता है, और लक्ष्य प्राप्ति के लिए हम एक से दूसरी उपासना की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। लेकिन हम जहां जाते हैं, वह स्वयं ही जाग्रत या सिद्ध नहीं हुआ करते। यह विशेषता केवल दश महाविद्या में ही है कि वह सिद्ध और जाग्रत हैं।

धर्म ग्रंथों की मानें तो अनेकों उपासकों ने इनकी कृपा प्राप्त करके इनके दर्शन भी किए हैं। यह महाविद्यायें अपने हृदय में इतनी ममता रखती हैं कि साधक की लगन और श्रद्धानुसार स्वयं के प्रभाव शीघ्र व्यक्त कर देती हैं जिससे ही व्यक्ति को आनंद के साथ भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुल मिलाकर दस महाविद्या की आराधना से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। षट्कर्मो की सिद्धि और मनोकामना पूर्ति होती है।

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