दस महाविद्या की प्रार्थना बेहद विशेष है धर्म ग्रंथों के अनुसार अनेक कर्म करते हुए जब हमें कर्मानुसार भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति नहीं होती तब मन दुखी हो जाता है। इससे चित्त भटकने लगता है, और लक्ष्य प्राप्ति के लिए हम एक से दूसरी उपासना की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। लेकिन हम जहां जाते हैं, वह स्वयं ही जाग्रत या सिद्ध नहीं हुआ करते। यह विशेषता केवल दश महाविद्या में ही है कि वह सिद्ध और जाग्रत हैं।
धर्म ग्रंथों की मानें तो अनेकों उपासकों ने इनकी कृपा प्राप्त करके इनके दर्शन भी किए हैं। यह महाविद्यायें अपने हृदय में इतनी ममता रखती हैं कि साधक की लगन और श्रद्धानुसार स्वयं के प्रभाव शीघ्र व्यक्त कर देती हैं जिससे ही व्यक्ति को आनंद के साथ भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुल मिलाकर दस महाविद्या की आराधना से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। षट्कर्मो की सिद्धि और मनोकामना पूर्ति होती है।
Updated on:
06 Jul 2024 03:35 pm
Published on:
06 Jul 2024 03:33 pm