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2018 के अंतिम शुक्रवार बन रहा हैं अति दुर्लभ योग, इस दिन करें यह अचूक उपाय, 2019 में पूरे साल, घर और व्यापार में होगी धन वर्षा

साल के अंतिम शुक्रवार करें यह अचून उपाय, 2019 में नहीं होगी पैसों और मान सम्मान की कमी

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भोपाल

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Shyam Kishor

Dec 27, 2018

dhan prapti ke upay

2018 के अंतिम शुक्रवार करें यह अचूक उपाय, 2019 में पूरे साल, घर और व्यापार में होगी धन वर्षा

आज की इस भागदौड़ भरी जीवन शैली में चारों ओर सबसे बड़ी समस्या है धन की और इसके अभाव में आई निर्धनता । इसे दूर करने के लिए व्यक्ति हर संभव प्रयत्न भी करता हैं, साल 2018 खत्म होने वाला हैं, ज्योतिष पंचाग के अनुसार साल के अंतिम शुक्रवार को बेहद शुभ दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, अगर इस दिन कुछ छोटे एवं सरल उपाय जो भी करेगा उसे आगामी नववर्ष 2019 में पूरे साल भर इन उपायों के कारण कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी, उपाय करने वाले के घर व व्यापार में साल भर धन का खजाना भरा रहेगा, साथ ही समाज में मान सम्मान भी भरपूर मिलता रहेगा । जाने साल के आखरी शुक्रवार को किन उपायों को करने से पैसों की तंगी खत्म हो जायेगी और माता महालक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी, धन वर्षा होती रहेगी ।


साल के अंतिम शुक्रवार को करे यह अचूक उपाय
सबसे पहले साल 2018 के अंतिम शुक्रवार महालक्ष्मी के नीचे दिये गये बीज मंत्रों रात में 9 बजे से लेकर 12 बजे के बीच में प्रत्येक मंत्र का 108 बार जप गुलाबी रंग के आसन पर बैठकर कमल गट्टे की माला से करें । जप के समय गाय के घी का एक दीपक 2 मुंह वाला जलता रहे । संभव हो तो जप करने से पूर्व पूजा स्थल गुलाबी कपड़े पर श्री यंत्र और माता अष्ट लक्ष्मी की फोटो स्थापित करें । गुलाब के सुगंध वाली धुपबत्ती जलाने के साथ लाल कमल या लाल गुलाब के फूल व माला चढ़ाएं । शुद्ध मावे की मिठाई का भोग लगायें । जप पूरा होने के तुरंत बाद घर के 8 कोने में आटे के 8 दीपक गाय के घी के जला दें । जप के बाद पूजा में प्रयोग किये लाल फूल को तिजोरी में रख दें । दूसरे दिन सुबह अपने घर पर ही गरीब परिवार की 3 छोटी छोटी कन्याओं को बुलाकर गाय के दुध से बनी खीर खिलाएं एवं कुछ दक्षिणा व पीला रूमाल या अन्य वस्त्र दान दें ।

महालक्ष्मी के मूल बीज मंत्र

- ॐ श्रीं ।।
- ॐ श्रीं क्लीं ।।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ।।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ।।
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ।।
- ॐ क्लीं ॐ ।।
- ॐ ऐं ॐ ।।
- ॐ श्रीं श्रीं ।।


।। इति समाप्त ।।