24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गणेश चतुर्थी से 10 दिनों तक करें इस मंत्र का इतना जप- दरिद्रता से मिलेगी मुक्ति

इस मंत्र की साधना से होगा दरिद्रता का नाश

2 min read
Google source verification

image

Shyam Kishor

Sep 04, 2018

ganesh chaturthi mantra

गणेश चतुर्थी से 10 दिनों तक करें इस मंत्र का इतना जप- दरिद्रता से मिलेगी मुक्ति

गणेश मंत्र साधना भारतीय परंपरा के अनुसार किसी भी कार्य का शुभारंभ करने से पूर्व गणपति का स्मरण व पूजन अवश्य किया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से उस कार्य में आने वाली समस्या समाप्त हो जाती है, जिस कारण वह उस कार्य में शीघ्र ही सफलता प्राप्त कर लेता है । गणपति का एक विशिष्ट स्वरूप विघ्नहर्ता के रूप में प्रचलित है जो भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला और शक्ति के गुणों का साकार स्वरूप है, जो सद्गृहस्थ व योगी दोनों ही जीवन को की समस्याओं का निराकरण करने वाली है ऐसे देव गणेश की उपासना साधना जो देवों के अधिपति है, जिसके इस मंत्र की साधना से व्यक्ति जीवन की दरिद्रता से हमेशा हमेशा के लिए छुटकारा पा सकता है ।

गणपति जी की साधना अपने आप में एक श्रेष्ठतम साधना है जो तुरंत फल देने वाली है, इनकी साधना को करने से साधक के जीवन की दरिद्रता हमेशा हमेशा के लिए दूर भाग जाती हैं । गणेश जी की यह साधना आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साधना कहलाती है, जिसे गणेश चतुर्थी से लेकर पूरे 10 दिनों तक इस विशेष मंत्र की साधना अनुष्ठान- रोज 7 या 11 माला, हल्दी की माला से जप, प्रत्येक व्यक्ति को संपन्न करनी चाहिए, और वैसे भी भारतीय परंपरा के अनुसार दीपावली के पर्व पर लक्ष्मी प्राप्ति हेतु सर्वप्रथम गणेश पूजन ही किया जाता है । भगवान गणपति की विशेष फल प्रदान करने वाली यह विशेष मंत्र साधना जो जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाली साधना कही जाती हैं । इन्हें साधक किसी भी रुप में गणेश चतुर्थी से लेकर 10 दिनों के उत्सव संपन्न कर सकते हैं और गणेश जी की कृपा के अधिकारी बन सकते हैं ।

इस मंत्र की करें साधना
गणेश साधना पूर्ण सौभाग्य सौंदर्य एवं समृद्धि प्रधान करन ग्रह कलेश का निवारण करती है, यह साधना सभी पापों और दोषों का नाश करती है, तंत्र बाधा का निवारण हो जाता है । सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है, और इस साधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति के साथ गणेश दर्शन और गुरु कृपा भी प्राप्त होती है ।

मंत्र
।। ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ।।