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Gupt Navratri Katha 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में जरूर पढ़ें ये कथा, जानिए इसका महात्म्य

Gupt Navratri Katha 2025: हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस नौ दिनों के पर्व पर भक्त मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं। मां अपने भक्तों की पूजा से प्रसन्न होकर उनके सभी दुख दूर करती हैं। साथ ही सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।

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जयपुर

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Sachin Kumar

Jan 31, 2025

Gupt Navratri Katha 2025

माघ गुप्त नवरात्रि 2025

Gupt Navratri Katha 2025: माघ मास की गुप्त नवरात्रिकी शुरुआत 30 जनवरी 2025 गुरुवार से हुई है। इसका समापन 7 फरवरी दिन शुक्रवार को होगा। नवरात्रि के पहले दिन से आखिरी दिन तक 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
किसी विशेष मनोरथ सिद्धि के लिए ये नवरात्र बहुत खास माने जाते हैं। इन पवित्र और शुभ दिनों में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, देवी धूमावती, बगलामुखी, मां मातंगी और कमला देवी की अलग-अलग दिन पूजा होती है। नौ दिन तक चलने वाले इस शक्ति साधना के पर्व पर गुप्त नवरात्रि की कथा पढ़ने या सुनने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

पहली कथा

ग्रंथों के अनुसार एक बार श्रृंगी ऋषि अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए हुए थे। उन भक्तों के बीच में एक महिला भी शामिल थी। जिस पर ऋषि की नजर पड़ी। तब उन्होंने महिला से उसके बारे में पूछा। उस स्त्री ने श्रृंगी ऋषि को आपबीती बता हुए कहा कि मेरे पति हमेशा बुरे कार्यों में लिप्त रहते हैं। जिसकी वजह से घर का महौल खराब रहता है और मैं किसी भी तरह का पूजा-पाठ नहीं कर पाती हूं। मुझे धर्म के मार्ग पर चलने का कोई सरल उपाय बताइए, जिससे में अपने पति और खुद जीवन को सफल बना सकूं।

इसके बाद श्रृंगी ऋषि ने उसको गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि मां दुर्गा की विधि पूर्वक व्रत और पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके बाद उस स्त्री ने सच्चे मन से मां दुर्गा की उपासना की। कुछ समय बाद मां दुर्गा के आशीर्वाद से उसका पति धर्म के मार्ग पर चलने लगा और एक अच्छा इंसान बन गया।

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दूसरी कथा

धार्मिक कथा के अनुसार एक बार एक राज्य में बारिश न होने की वजह से भयंकर सूखा पड़ी। कुछ समय बाद राज्य की प्रजा के पास खाने के लिए अनाज तक नहीं रहा। जब राज की प्रजा भूख से व्याकुल होने लगी तो राजा अपनी प्रजा को इस हाल में देखकर बहुत दुखी हुए। राजा ने भूखी जनता को देखते हुए राज्य के सभी विद्वानों को दरबार में बुला कर इस भीषण परेशानी का समाधान पूछा।

मान्यता है कि विद्वानों ने गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा की पूजा करने का उपाय बताया। राजा ने विद्वानों की सलाह के अनुसार राज्य में मां दुर्गा की पूजा की घोषणा कराई। जिसके बाद राज्य के सभी लोगों ने विधि पूर्वक मां की पूजा-अर्चना शुरु कर दी। कुछ समय बाद मां दुर्गा समस्त प्रजा की पूजा से प्रसन्न हुईं और राज्य में वर्षा करा के राज्य को सूखा मुक्त किया। इसके बाद राज्य की प्रजा आनंद से अपना जीवन यापन करने लगी।

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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।