
Guruwar Vrat Udyapan
Guruwar Vrat Udyapan: हिंदू धर्म में हर दिन का बहुत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। मान्यता अनुसार लोग व्रत-पूजा भी करते हैं। वहीं गुरुवार का दिन भी धार्मिक दृष्टि से अत्याधिक महत्व रखता है। यह दिन भगवान विष्णुऔर गुरु बृहस्पति को समर्पित है। आइए जानते हैं कितने गुरुवार व्रत करने के बाद उद्यापन करना शुभ होता है?
गुरुवार व्रत को हिंदू धर्म में विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना गया है। इस दिन विधि पूर्वक व्रत और पूजा पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत करने से गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। जिससे व्यक्ति की बुद्धि, ज्ञान और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। व्रत के दौरान भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। श्रद्धालु उनसे अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
इस व्रत के दौरान पीले वस्त्र पहनना, पीले फूलों से पूजा करना और हल्दी तथा चने की दाल का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। गुरुवार व्रत कथा सुनने और पूजा विधि का पालन करने से व्रती को शुभ फल मिलता है।
गुरुवार का व्रत पूर्ण करने के लिए लगातार 16 व्रत रखना शुभ और मनोकामना पूर्ण माना जाता है। वहीं 17 वें गुरुवार को उद्यापन करना चाहिए। क्योंकि उद्यापन गुरुवार व्रत की पूर्णता और सफलता का प्रतीक माना जाता है। उद्यापन का मुख्य उद्देश्य भगवान को धन्यवाद देना होता है। यह शुभ कार्य ज्योतिषाचार्यों की सलाह से किया जाता है।
उद्यापन में भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन व्रती को ब्राह्मण भोजन कराना, दान-पुण्य करना और व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। इसके बाद पीले वस्त्र, फल, मिठाई, और दक्षिणा का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह कार्य परिवार और समाज के लोगों के साथ मिलकर किया जाता है। जिससे व्रती को अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
आध्यात्मिक उन्नति: भगवान विष्णु की भक्ति से आत्मा को शुद्धि और शांति प्राप्त होती है।
ग्रह दोष का निवारण: यह व्रत गुरु ग्रह से संबंधित दोषों को शांत करने में सहायक होता है।
धन और समृद्धि: देवी लक्ष्मी की कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
रिश्तों में मधुरता: पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य बढ़ता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो लोग गुरुवार व्रत का पालन निष्ठा और नियम से करते हैं। उनको भगवान विष्णु और बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है जातक के जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। साथ ही रुके हुए कार्यों को गति मिलती है। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और जीवन आनंदमय गुजरता है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Published on:
23 Jan 2025 11:56 am
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