
मंत्र जाप करती गर्भवती महिला
Pregnant Woman Mantra Chanting: हर गर्भवती महिला अपनी होने वाली संतान के लिए बहुत कुछ अच्छा सोचती है। उनकी तमन्ना होती है कि पैदा होने वाला शिशु शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ हो साथ ही वह आध्यात्मिक रूप से भी सुजान हो। हर मां अपने बच्चे को संस्कारी और सकारात्मक ऊर्जा से भरा देखना चाहती है। तो आइए यहां जानिए कुछ ऐसे मंत्र जिनको गर्भावस्था के दौरान जपने से मन शांति, पुष्ट शरीर और अच्छे संस्कार सुनिश्चित किए जा सकते हैं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान उच्चारण किए गए मंत्रों का प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकाश पर पड़ता है। मंत्रों का उच्चारण शेष ध्वनियों और आवृत्तियों के माध्यम से किया जाता है। जो सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इसके साथ ही यह ऊर्जा गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु पर गहरा प्रभाव डालती है।
रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥
गर्भवती महिलाओं को हर दिन भगवान गणेश के समक्ष खड़े होकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र आपको और आपकी संतान को अभय प्रदान करेगा।
ॐ भूर् भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
गायत्री मंत्र का जाप गर्भवती महिला और शिशु के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। इस मंत्र का जाप बुद्धि, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया जाता है। इसके साथ ही गायत्री मंत्र का जाप गर्भस्थ शिशु की बुद्धि और चेतना को जागृत करता है।
देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।
यह मंत्र आपकी संतान को स्वस्थ और शारीरिक रुप से मजबूत बनाने में सफलता दिलाएगा। यह मंत्र आपकी हर बाधा को दूर करेगा। साथ ही मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से कृष्ण जैसी संतान की प्राप्ति होती है।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्णं त्वामहं शरणं गतः॥
ओजस्वी और तेजस्वी संतान के लिए इस मंत्र का जाप विशेष रूप से किया जाता है। यह मंत्र गर्भवती महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और शिशु के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
यह मंत्र जीवन ऊर्जा को बढ़ाने और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रभावी माना जाता है। साथ ही गर्भावस्था में आने वाली समस्याओं को कम करने और शिशु के सुरक्षित जन्म में सहायक होता है।
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते॥
यह मंत्र गर्भवती महिला और शिशु की समग्र सुरक्षा के लिए लाभकारी है। यह मंत्र महिला को मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है और सभी सभी कार्यों में कुशलता पूर्क पूर्ण होने में मदद करता है।
मंत्रों का जाप सुबह के समय शुद्ध मन और शांत वातावरण में करें।
जाप के दौरान सात्विक आहार और जीवनशैली अपनाएं।
मंत्रों को सही उच्चारण के साथ बोलने का प्रयास करें।
मानसिक शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और प्राणायाम भी करें।
गर्भवती महिलाओं के लिए मंत्र जाप एक सकारात्मक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो न केवल उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी ओजस्वी और तेजस्वी बनाने में सहायक होती है। इस पवित्र प्रक्रिया को अपनाकर एक सुखद और संतुलित गर्भावस्था का अनुभव किया जा सकता है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Published on:
23 Jan 2025 10:27 am
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