कहा जाता है कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ही कामदेव को शिवजी ने भस्म किया था, और आठ दिन बाद उनके पुनर्जीवन का आशीर्वाद प्राप्त हुआ । होलाष्टक में इन कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए ।
1- खर मास शुरू होने की वजह से इस दौरान 14 अप्रैल तक विवाह, मुंडन, ग्रहप्रवेश या अन्य शुभ कार्यों को करना निषेध माना जाता हैं ।
2- होलाष्टक पर नए घर का निर्माण और विवाह जैसे शुभ कार्य ना करें, ऐसा करने से घर में हमेशा कलह-क्लेश और विवाह के टूटने के आसार हो जाते हैं ।
3- होलाष्टक पर नए व्यापार की शुरुआत भी ना करें, इससे व्यापार में अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है ।
4- होलाष्टक पर नए वस्त्र आभूषण खरीदने से भी बचना चाहिए, ऐसा करने से चोरी होने की आशंका बढ़ जाती है ।
5- होलाष्टक के दौरान नया वाहन भी खरीदने से बचें, अन्यथा वाहन के अंदर बार-बार खराबी आ सकती है ।