
dalai lama
कौन है दलाई लामाः दलाई लामा तिब्बत में सर्वोच्च बौद्ध आध्यात्मिक गुरु की मंगोलियाई पदवी है, जिसका अर्थ है महान गुरु। 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तर पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर में हुआ था। इन्होंने बौद्ध दर्शन में पीएचडी की है।
दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई थी। ये करुणा और अवलोकेतेश्वर बुद्ध के गुणों के रूप बोधिसत्व माने जाते हैं। बौद्ध धर्म में बोधिसत्व ऐसे ज्ञानी लोगों को माना जाता है जिन्होंने मानवता की रक्षा के लिए पुनर्जन्म का निर्णय लिया हो। इन्हें सम्मान से परमपावन कहा जाता है।
1959 में चीनी सेना द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन कुचले जाने के बाद दलाई लामा भारत आ गए थे और यहां हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय स्थापित किया। धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती संसद में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 46 सदस्य हैं। इसके लिए भारत और दुनिया के 33 देशों में रहने वाले तिब्बती एक व्यक्ति और एक मत प्रणाली से मतदान करते हैं। इसकी निर्वासित सरकार भी काम करती है।
दलाई लामा के विचार और संदेश (Dalai Lama Message)
1. शांति, अहिंसा और सचेतन प्राणी की खुशी के लिए काम करना दलाई लामा का बुनियादी सिद्धांत है।
2. परमपावन का संदेश है प्यार, करूणा और क्षमाशीलता।
3. मनुष्य को सार्वभौमिक उत्तरदायित्व की व्यापक भावना का विकास करना चाहिए। हमें पूरी मानवता के लाभ के लिए काम करना चाहिए। यह विश्व शांति, प्राकृतिक संसाधनों के समवितरण, भविष्य की पीढ़ी के हितों के लिए पर्यावरण की उचित देखभाल का आधार है।
4. परमपावन दयालुता को अपना धर्म मानते हैं। वे हमेशा पर्यावरण और सभी जीव जंतुओं की रक्षा के लिए प्रयास करने पर जोर देते हैं।
Updated on:
10 Apr 2023 01:43 pm
Published on:
10 Apr 2023 01:41 pm
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